
रजत प्रताप सिंह
ऋषिकेश, 12 मार्च। ( *आज का आदित्य* ) उत्तराखंड के नवनियुक्त मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपने राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी के पद चिन्हों पर चलकर उत्तराखंड को एक नए उत्तराखंड के रूप में विकसित करेंगे। उम्मीद है कि तीरथ अपने नाम के अनुरूप उत्तराखंड को एक नए तीरथ के रूप में स्थापित करेंगे।
भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि भाजपा हाईकमान और पार्टी के विधायकों का तीरथ को नए मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने का सामूहिक निर्णय बहुत ही सराहनीय है। पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को उम्मीद है कि तीरथ संगठन और सरकार को साथ लेकर चलेंगे। इतना ही नहीं 2022 के चुनाव में निश्चित तौर पर तीरथ के नेतृत्व में भाजपा लगभग 60 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
तीरथ के किस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा कि सीट की कोई चिंता नहीं, सीट छोड़ने के लिए बहुत से विधायक तैयार हैं। लेकिन भाजपा आलाकमान जो निर्णय लेगा वही सर्वोपरि होगा।
👉 *तीरथ की कहानी कुसुम की जुबानी*:
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक तीरथ के साथ संगठन के लिए काम करने का मौका मिला। कहा कि एक साधारण परिवार में जन्मे तीरथ ने 1983 में संघ के प्रांत प्रचारक के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। इसके बाद तीरथ 1990 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री, 2013 में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और 2017 में पार्टी के राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। इसके अलावा 1997-2002 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य, 1997-2000 तक विधान परिषद में विनिश्चय संकलन समिति अध्यक्ष, 2000-2002 तक उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री, 2012-2017 तक विधानसभा सदस्य और 2019 के मई माह में गढ़वाल सीट से सांसद चुने गए। तीरथ ईमानदार छवि के मृदुभाषी, सरल स्वभाव, संघर्षशील व प्रत्येक कार्यकर्ता को साथ लेकर चलने वाले जमीनी नेता हैं। उन्होंने संगठन में बड़े पदों पर रहकर भी सभी कार्यकर्ताओं को साथ रखकर सामान्य कार्यकर्ता की तरह काम किया। उनकी इसी ईमानदार, सरल स्वभाव और जनहित के लिए काम करने वाले नेता की छवि के कारण ही विपक्षी पार्टियों के नेता भी उनके मुरीद हैं। राजनीतिक सफर की शुरुआत से लेकर अब तक उनके पहनावे, रहन-सहन, बोलचाल आदि में भी कोई फर्क नहीं आया। कुसुम ने सादगी की मिसाल देते हुए कहा कि तीरथ के भीतर उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता, भूतपूर्व रक्षा मंत्री एवं गोवा के मुख्यमंत्री स्व मनोहर पारिकर की छवि दिखाई देती है।