उत्तराखंड
फिजूल खर्ची रोकने के लिए दायित्वधारियों से किनारा कर सकती है तीरथ सरकार
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दुर्गेश मिश्रा
तीरथ सिंह रावत जब से उत्तराखण्ड की सत्ता पर काबिज हुए है। वे प्रदेश हित के लिए कई फैसले ले चुके है। तीरथ सिह रावत जनहितों को ध्यान में रखते हुए फूंक फंूक कर आगे कदम बढ़ा रहे है। साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं में आपसी मतभेद न हो इसके लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि सूबे की तीरथ सरकार अब जल्द ही दायित्वधारियों से किनारा कर सकती है। इस तरह की जानकारी सामने आ रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इससे जहां फिजूलखर्ची को लेकर सरकार बड़ा संदेश देगी तो वहीं, कार्यकर्ताओं की नाराजगी को साधने का भी यह एक तरीका हो सकता है।
दरअसल, बीते रोज प्रदेश कार्यालय पर बीजेपी ने 41वां स्थापना दिवस मनाया। इसी दौरान कार्यक्रम के बाद प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से यह जानने की कोशिश की गई कि हाल ही में पार्टी के 120 दायित्वधारियों की छुट्टी की गई, क्या एक बार फिर से सरकार दायित्वधारियों की सूची जारी करेगी। जिस पर मुख्यमंत्री तीरथ ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने संगठन में बदलाव की बात जरूर कही। वहीं, अब जानकारी मिल रही है कि तीरथ सरकार दायित्वधारियों से किनारा कर सकती है। ऐसा कर सरकार एक तीर से दो निशाने करने जा रही है। जहां एक तरफ बीजेपी दायित्वधारियों की नियुक्ति न करके जनता में सरकारी सुविधाओं के फिजूलखर्ची न होने का संदेश देगी। तो वहीं, इस बात का भी अंदेशा संगठन को है कि दायित्व अगर बांटे जाते हैं तो उससे कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ेगी। चुनावी साल में यह नाराजगी महंगी साबित हो सकती है। इसलिए दायित्व बंटवारे से बचा जा सकता है तो इस तरह से. अब तक यह माना जा रहा है कि सरकार और संगठन दायित्वों को लेकर किनारा करने के मूड में है।
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