Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के कासनी गांव रहने वाले मनीष कसनियाल ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराकर इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में अपना नाम लिख दिया। मनीष ने अपनी महिला साथी सिक्किम की मनीता प्रधान के साथ विषम परिस्थिति में यह उपलब्धि हासिल की है। उनके एवरेस्ट फतह करने की सूचना के बाद उनके गांव में खुशी की लहर है। कासनी निवासी मनीष ने समुद्र तल से 8,848 मीटर की ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा फहराने के साथ-साथ हंस फाउंडेशन की पताका भी लहराई है।
मनीष ने अपनी उपलब्धियों के बारे बताया कि मैं एक बहुत ही साधारण परिवार से हूं। कई संघर्षों के बाद यहां तक पहुंचा हूं,और मेरे इन संघर्षों में मुझे जब हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला जी एवं भोले महाराज का आशीष मिला तो मैं इस मुकाम को छूने का हौसला जुटा पाया। तमाम संगठनों और सहयोगियों के साथ माता मंगला एवं भोले महाराज ने मुझे मेरे इस अभियान के लिए आशीर्वाद दिया। यह मेरे लिए सौभाग्य की बता है। इस के लिए मैं हंस फाउंडेशन का बहुत-बहुत आभारी हूं। जिनके सहयोग से मैं विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा पाया। उन्होंने कहा कि माता मंगला जी एवं भोले महाराज का आशीर्वाद मेरे साथ नहीं होता तो शायद मैं यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाता। मैं हृदय की गहराइयों से माता मंगला जी एवं भोले महाराज जी का आभार प्रकट करता हूं।
विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने के बाद लौटे मनीष कसनियाल ने उन्हें सहयोग देने के लिए माता मंगला एवं भोले महाराज का आभार व्यक्त करत हुए कहा कि इस बार वहां पर मौसम बहुत खराब था। जिस वजह से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पढ़ा रिस्क भी काफी ज्यादा रहा। इस बार 48 टीम एवरेस्ट एक्सपीडिशन में थी जिसमें से लगभग 32 से ज्यादा टीमों ने अपना एक्सपीडिशन कैंसल कर दिया। लेकिन हमारे साथ माता मंगला जी एवं भोले जी महाराज के साथ-साथ मेरे परिजनों और साथी बासू पांडे, जया, पूनम खत्री, राकेश देवलाल, मनीष डिमरी आदि लोगों का सहयोग था। जिन्होंने इस अभियान के लिए मुझे प्रेरित किया। इसके लिए मैं सभी का आभार व्यक्त करता हूं।
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में एमए के छात्र मनीष ने पर्वतारोहण में बेसिक, एडवांस, सर्च व रेस्क्यू, मैथड ऑफ इंस्ट्रक्शन कोर्स किया है। उनके नाम पर्वतारोहण में कई रिकॉर्ड दर्ज हैं। आईस संस्था से पर्वतारोहण की बारीकियां सीखने के बाद मनीष ने वर्ष 2018 में 5782 मीटर ऊंची नंदा लपाक चोटी को फतह किया था। 6 दिसंबर 2020 में 148 मीटर ऊंचे बिर्थी फॉल में रैपलिंग करने वाले टीम में मनीष भी शामिल रहे। टीम की यह उपलब्धि एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है।
इस अभियान में देश के 12 पर्वतारोही 8848 मीटर ऊंची एवरेस्ट, 8516 मीटर ल्होत्से, 7864 मीटर नूपसे, 7116 मीटर ऊंची पुमोरी चोटियों को फतह करने निकले थे। इन चोटियों में पर्वतारोहण के लिए बनी चार टीमों में मनीष व सिक्किम की मनीता प्रधान की टीम को एवरेस्ट फतह के लिए चुना गया। मनीष ने अपनी टीम के साथ 1 जून को सुबह 5 बजे एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर क्षेत्र का गौरव बढ़ाया है।
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320