उत्तराखंडनशा का कारोबार
…आखिर किसकी शह पर बिक रही अवैध शराब..!!
तीर्थनगरी में अवैध शराब के खिलाफ नहीं चल रहा पुलिस का डंडा

ऋषिकेश, 26 जून। ऋषिकेश क्षेत्र में अवैध शराब का धंधा जोरों पर है। पुलिस खानापूर्ति के लिए शराब कारोबारियों की धरपकड़ करके अखबारों में प्रेस विज्ञप्तियों का अंबार लगा देती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। जिसके विरोध में पहले भी स्थानीय लोग और समाजसेवी मोर्चा खोल चुके हैं, लेकिन हालत-ए-महकमा देखकर लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं।
कच्ची हो, देशी हो या अंग्रेजी हो तीर्थनगरी कहे जाने वाली ऋषिकेश में खुलेआम बिक रही है। पुलिस खानापूर्ति के लिए लोगों को पकड़ने का दावा करती है, लेकिन सभी दावे खोखले नजर आ रहे हैं। फिर भी, चंद्रेश्वरनगर, शीशम झाड़ी मायाकुंड, शांति नगर, इंदिरा नगर बनखंडी, शिवाजी नगर, बैराज, जाटव बस्ती, आईएसबीटी सहित शहर के हर कोने में अवैध रूप से शराब का काला कारोबार जोरों पर है। इतना ही नहीं स्कूटी और मोटरसाइकिल से भी अवैध शराब की होम डिलीवरी तक आजकल तीर्थनगरी में ट्रेंड बन गया है। जिससे अवैध शराब के कारोबारी पुलिस की नजरों में आने से भी बच रहे हैं। दरअसल, अवैध शराब की बिक्री के लिए एक परमानेंट ठिया ना होने के कारण शराब कारोबारी पुलिस को हफ्ता देने से भी बच रहे हैं। जिससे इन शराब कारोबारियों की मौज कट रही है। लेकिन पुलिस के आला अधिकारी इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने के बजाय अपनी जेबें गर्म करने में मशगूल हैं और चुप्पी साधे हुए। खानापूर्ति के लिए चेकिंग अभियान के नाम पर कागज काले करने और छोटी मोटी धरपकड़ की प्रेस विज्ञप्ति जारी करने में अपना नाम समझ रहे हैं। जिसके चलते शहर में अवैध शराब का कारोबार पर नकेल कसना सिर्फ राम भरोसे रह गया है। सबसे अहम बात यह भी है जनता जनार्दन से ऋषिकेश की अवैध शराब के साथ साथ गांजे का प्रचलन पुरजोर पर है जिसमें नाबालिक से लेकर युवा भी इस गांजे के शिकार हो रहे हैं। गांजा तस्कर तस्करों पर अब तक अब तक स्थानीय पुलिस भी नकेल कसने में नाकामयाब नजर आ रही है।