
ज्योतिष गणित सिद्धान्त में तिथि,वार,नक्षत्र,योग और ग्रहों की सूक्ष्म गणना को विशेष महत्व दिया जाता है।इस बार तिथि की सूक्ष्म गणना के आधार पर भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष (08 सितंबर से 20 सितंबर ,2021) में 13 दिन का पक्ष घटित हो रहा है। ज्ञात हो कि भारतीय पंचांग की गणना अनुसार प्रति महीने शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 14,15 या 16 दिन तक घटित होते हैं। जो कि एक सामान्य गणित प्रक्रिया का हिस्सा है। लेकिन जब कभी किसी पक्ष में दो बार तिथि का क्षय होता है, तो वह पक्ष 13 दिन तक सिमट जाता है। इस तेरह दिन के पक्ष को “विश्व घसन पक्ष” कहते हैं।जिसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है। “विश्व घसन पक्ष”के मुख्य दुष्प्रभाव इस प्रकार हैं।
1समाज में व्यापक रूप से अशान्ति का वातावरण।
2.राजनैतिक पार्टियों में बिखराव।
3.राजनैतिक दलों में असामान्य टकराव ।
4.राजकीय संपत्ति को नुकसान।
5.विश्व स्तर पर हिंसा और युद्ध का वातावरण।
6.किसी राज्य या देश में समय पूर्व सत्ता परिवर्तन।
7.प्राकृतिक आपदाओं का अधिक होना।
8.आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि।
9.देश -विदेश में किसी प्रमुख व्यक्ति का निधन आदि-आदि दुष्प्रभाव ” विश्व घसन पक्ष’ के कारण सम्भावित हैं।