Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
बड़ बोले पन का नुकासन त्रिवेन्द्र को ही होगा
देहरादून। उत्तराखंड भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बीच चल रही तनातनी जारी है। अबतक इस मुद्दे पर चुप्पी साधने वाले हरक सिंह ने आखिरकार त्रिवेंद्र सिंह रावत पर बड़ा हमला कर ही दिया। हरक सिंह रावत ने न केवल पूर्व मुख्यमंत्री की समझ पर उंगली उठाई बल्कि उन्हें सोच समझकर बोलने की सलाह भी दे डाली।
हरक सिंह रावत के ‘ढैंचा बीज’ बयान से शुरू हुई राजनीतिक लड़ाई भाजपा की तमाम कोशिशों के बावजूद भी खत्म नहीं हो रही है। हरक सिंह रावत के बयान पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गधे का जिक्र कर दिया तो अब हरक सिंह ने उनके इस बयान को त्रिवेंद्र की सोच-समझ से जोड़ दिया है। डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि जिस व्यक्ति को जितनी समझ होती है वो उसी तरह की बात करता है। हरक ने कहा कि त्रिवेंद्र सिंह रावत कई दायित्वों पर रहे हैं और उन्हें अपने इस बयान को लेकर सोचना चाहिए था। वो कोई अबोध बच्चे या 80 साल पूरा कर चुके नासमझ बुजुर्ग नहीं हैं।
त्रिवेंद्र पर तंज कसते हुए हरक सिंह रावत ने कहा कि यहां अपने ही अपनों के दुश्मन हैं। हालांकि, इस बयान से दुखी हरक सिंह ने अपनी शिकायत कहीं भी नहीं रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोग पार्टी में उनके खिलाफ शिकायत करते हैं, लेकिन वो अपनी बात कहीं नहीं रखेंगे। इस दौरान उन्होंने ये कहकर त्रिवेंद्र सिंह रावत को चेतावनी दी कि आगामी चुनाव को लेकर ये बयानबाजी न तो पार्टी और न ही उन्हें नुकसान करेगी, लेकिन त्रिवेंद्र सिंह को इसका नुकसान होगा या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।
कहां से उठा पूरा विवाद?
दरअसल, हाल ही में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ढैंचा बीज घोटाले को लेकर एक बयान दिया था। हरक सिंह रावत ने कहा था कि जब ढैंचा बीज घोटाले में हरीश रावत की सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकी थी, तब वो हरीश रावत सरकार में कृषि मंत्री थे। उन्होंने दो पेज का नोट त्रिवेंद्र सिंह रावत के पक्ष में लिखा था और उन्हें गिरफ्तारी से बचाया था। हरक ने ये भी कहा था कि हरीश रावत एम्स में भर्ती थे और डेढ़ महीने तक तकिए के नीचे ढैंचा बीज घोटाले की फाइल दबाए बैठे रहे थे। जब उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत से त्रिवेंद्र सिंह रावत को बचाने की सिफारिश की थी, तब हरीश रावत ने कहा कि सांप को दूध पिला रहे हो।वहीं, हरक के इस बयान को खारिज करते हुए हरीश रावत कहा था कि ढैंचा बीज घोटाले में तत्कालीन कृषि मंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कृषि सचिव ओम प्रकाश पर किसी भी तरह की धांधली करने का मामला नहीं बनता था। जब त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट उन्हें मिली तब वो एम्स में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे थे। उन्होंने देखा कि बीज की कीमत को लेकर अंतर होना कोई बड़ी बात नहीं थी। क्योंकि जब मांग बढ़ती है तो सामान के दाम भी बढ़ जाते हैं।
उधर, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी इस मामले पर हरीश रावत का ही साथ दिया था। उन्होंने कहा था कि हरक सिंह रावत एक महान चरित्र वाले व्यक्ति हैं। उनके सामाजिक, आर्थिक और व्यक्तिगत चरित्र के बारे में सब जानते हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तंज कसते हुए कहा था कि उत्तराखंड में गधा भी ‘ढैंचा-ढैंचा’ बोलता है। त्रिवेंद्र के इस बयान के बाद ही राजनीतिक बवाल हो गया है।
क्या है ढैंचा बीज घोटाला?
ढैंचा बीज घोटाला 2009-10 में सामने आया था, तब त्रिवेंद्र सिंह रावत कृषि मंत्री थे और उन्हीं के ऊपर आरोप लगा था कि बाजार से अधिक दाम पर ढैंचा बीज खरीदे गए हैं। इससे सरकार को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में इस घोटाले की जांच के लिए त्रिपाठी आयोग बनाया गया था। त्रिपाठी आयोग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा था कि ढैंचा बीज खरीद में घोटाला हुआ है। लिहाजा त्रिवेंद्र सिंह रावत पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इसी बीच कांग्रेस ने विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया और हरीश रावत के हाथों में सत्ता आ गई। हरीश रावत प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने। उनके पास त्रिपाठी आयोग की रिपोर्ट आई थी।
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320