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देहरादून। प्रदेश में राज्य सरकार ने विभिन्न घटनाओं को देखते हुए रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगाने का फैसला लिया है। इसके मद्देनजर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार 1 अक्टूबर से 3 महीने यानी 31 दिसंबर 2021 तक यह आदेश लागू रहेगा। उत्तराखंड में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर रासुका लगाई गई है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई अलग-अलग घटनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने एहतियात बरतते हुए ये फैसला लिया है. खास बात ये है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राज्य में एक समुदाय की जनसंख्या को लेकर अपनी बात रखते हुए सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की बात कह चुके हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि राज्य में जनसंख्या को लेकर असंतुलन का मामला उनके संज्ञान में आया है, साथ ही प्रदेश के बाहर से यहां आए असामाजिक तत्वों द्वारा राज्य में भूमि खरीदने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की भी खबरें भी जोर-शोर से सामने आ रही थीं। इसके बाद सीएम धामी और डीजीपी अशोक कुमार ने सख्त चेतावनी देते हुए ऐसे लोगों पर सख्ती करने के निर्देश दिए थे। सीएम ने डीजीपी, डीएम और जिलों के कप्तानों को स्पेशल जांच के आदेश दिए थे। इसके साथ ही निर्देश दिए गए थे कि हर जिल में इस प्रकार के क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर वहां रह रहे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए.। जिलेवार ऐसे व्यक्तियों की सूची तैयार करने को कहा गया है जो अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं और उनका अपराधिक इतिहास है। ऐसे लोगों का व्यवसाय और मूल निवास स्थान का सत्यापन करके उनका रिकॉर्ड तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को कहा गया था कि इन क्षेत्रों में विशेष रूप से भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त पर विशेष निगरानी रखी जाए। ये भी देखा जाए कि कोई व्यक्ति किसी के डर या दवाब में अपनी संपत्ति न बेच रहा हो।
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