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केदारनाथ के कार्यक्रम को दैवीय आभा से सुसज्जित पवित्र कार्यक्रम बताया
शंकराचार्य की प्रतिमा की पुनर्स्थापना के साक्षी
साधु-संतों से मांगा आशीर्वाद
केदार के कण-कण से जुड़ जाता हूं
केदारनाथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार केदारनाथ का जयकारा- जय बाबा केदार, कहकर लगाया। लोगों ने उनके सुर में सुर मिलाया। प्रधानमंत्री ने केदारनाथ के कार्यक्रम को दैवीय आभा से सुसज्जित पवित्र कार्यक्रम बताया। पीएम मोदी ने कहा कि देश के हर कोने के लोग आज केदारनाथ की इस पवित्र भूमि से पवित्र माहौल के साथ आत्मिक रूप से जुड़े हैं और हमें वर्चुअली आशीर्वाद दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये खुशी का मौका है कि आप लोग आदि गुरु शंकराचार्य के प्रतिमा की पुनर्स्थापना के साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष की महा ऋषि परंपरा रही है। आज भी देश के हर कोने में संत और आध्यात्मिक गुरु सनातन धर्म की चेतना को जगाते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत-महात्माओं का नामोल्लेख करूं तो एक हफ्ता भी कम पड़ेगा। पीएम ने कहा कि किसी संत-महात्मा का नाम छूटेगा तो पाप होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि साधु-महात्माओं का आशीर्वाद हमें मिलेगा। हमारे कार्य सकुशल संपन्न होने के लिए उनका आशीर्वाद मिलता रहेगा।
पीएम मोदी ने श्लोक का उच्चारण करते हुए कहा कि मैं देश के कोने-कोने से इस कार्यक्रम से जुड़े साधु-संतों, ऋषि-मुनियों से उनका केदारनाथ से आशीर्वाद मांगता हूं। अभिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह अर्थात कुछ अनुभव इतने अलौकिक और अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता है। बाबा केदार की शरण में आकर यहां के कण-कण से जुड़ जाता हूं। यहां की हवाएं, ये हिमालय की चोटियां, ये बाबा केदार का सानिध्य मुझे खींच लाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं इस कहावत- ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी यहां के काम नहीं आती’ को बदलने में लगा हूं। अब पहाड़ का पानी भी यहां के काम आएगा और जवानी भी यहां के साथ देश के काम आएगी।
पीएम ने सीएम धामी की तारीफ की
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत पुनर्निर्माण कार्यों को पूरा करने वाली टीम को धन्यवाद करता हूं। पीएम ने माना कि केदारनाथ में काम करना आसान नहीं था। सभी ने ईश्वरीय कार्य मानकर कठिन प्राकृतिक परिस्थितियों पर विजय पाकर यहां का पुनर्निर्माण कार्य किया। मेरा मन हमेशा बाबा केदार धाम के पुनर्निर्माण पर लगा रहता था। मैं ड्रोन से इसका निरीक्षण करता रहता था।
पीएम ने केदारनाथ धाम के पंडे-पुजारियों और तीर्थ पुरोहितों और रावल परिवारों का भी धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा कि आपके सहयोग और मार्ग निर्देशन के बिना ये कार्य आसान नहीं होता।प्रधानमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य साक्षात भगवान शंकर के अंश थे। शंकराचार्य में बाल उम्र में अद्भुत बोध था। जिस उम्र में एक साधारण मानव संसार की बातों को थोड़ा-बहुत जानना शुरू करता है, वो वेदांत की गहराई और सांगो-पांग विवेचन और व्याख्या अविरत रूप से किया करते थे। इससे पता चलता था कि शंकर के भीतर शंकरत्व का जागरण था। शंकर का संस्कृत में अर्थ जो कल्याण करे वही शंकर है। शंकराचार्य ने इसे प्रमाणित किया था। वो जन साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे। जब भारत राग-द्वेष के भंवर में फंसकर एकजुटता को खो रहा था तब शंकराचार्य ने उस भंवर से निकाला था।
केदारनाथ से अयोध्या-वाराणसी को किया याद
प्रधानमंत्री ने कहा कि सारे दुख, दर्द और कष्ट को ज्ञान दूर कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है। अभी वहां भव्य दीपावली का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान राम से जुड़े सभी स्थानों को जोड़कर सर्किट बन रहा है। पीएम ने कहा कि वाराणसी में भी काशी विश्वनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य प्रगति पर है।
अमृत महोत्सव का किया जिक्र
पीएम ने अमृत महोत्सव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है। कठिन समय का हम डटकर सामना करते हैं। लोग कहते हैं कि कठिन समय में इतना सब कैसे होगा। लोग पूछते हैं कि ये होगा भी या नहीं होगा। तब मेरे भीतर से एक आवाज आती है। मेरे मुंह से एक ही बात निकलती है कि समय के दायरे से भयभीत होना आधुनिक भारत को मंजूर नहीं है। पीएम ने स्वामी विवेकानंद को याद किया तो नचिकेता का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि भारत महान विभूतियों की प्रेरणा पर चलता है। हम क्रियाशीलता पर विश्वास करने वाले लोग हैं। इसी आत्मविश्वास को लेकर देश इस अमृत काल में आगे बढ़ रहा है।
धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल जरूर देंखें
पीएम ने कहा कि मैं लोगों से अपील करता हूं कि ऐतिहासिक स्थलों के साथ ही धार्मिक स्थलों को भी सबको दिखाएं। हर हिंदुस्तानी के दिल में शंकर का भाव जग सकता है। पीएम ने कहा कि जिन्होंने गुलामी के कालखंड में भी हमारी धार्मिक और ऐतिहास परंपराओं को बचाए रखा उनकी यादों को ताजा रखना है। इसलिए हमें ऐसे पवित्र स्थलों का दर्शन जरूर करना चाहिए।
भविष्य में श्रद्धालु कार से आ पाएंगे केदारनाथ
पीएम ने कहा कि देवभूमि की असीम संभावनाओं पर विश्वास करते हुए सरकार विकास में जुटी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में श्रद्धालु कार के जरिए केदारनाथ धाम आ सकें इस पर काम चल रहा है। हेमकुंड साहिब तक लोग रोप-वे से पहुंच सकें इस पर भी काम चल रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन पहुंचाने का काम चल रहा है। उत्तराखंड और उसके पर्यटन को बहुत लाभ मिलने वाला है।
होम स्टे ने जगाया स्वाभिमान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जितनी तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं उसके अनुसार पिछले 100 साल में जितने पर्यटक यहां आए उतने अगले 10 साल में आएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड नहीं होता तो यहां आने वाले पर्यटक और श्रद्धालुओं की संख्या बहुत ज्यादा होती। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय स्थलों पर होम स्टे बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे रोजगार के साथ स्वाभिमान जाग रहा है।
सेनाएं हो रही हैं मजबूत
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हमारी सेनाएं बहुत मजबूत हो रही हैं। सेना की सभी जरूरतों को पूरा किया जा रहा है। हमने वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया। मुझे खुशी है कि मुझे सेना और सैनिकों की सेवा करने का मौका मिला।
कोरोना से लड़ाई के लिए उत्तराखंड की पीठ थपथपाई
पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ाई में उत्तराखंड के योगदान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने शत-प्रतिशत सिंगल डोज का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। पहाड़ की कठिन परिस्थितियों में ये उपलब्धि बहुत बड़ी है। यहां के दुर्गम इलाकों में ये काम इतना आसान नहीं था। पीएम ने कहा कि मैं इस नेक काम के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देना चाहता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जितनी ऊंचाई पर मेरा उत्तराखंड बसा है, ये राज्य उससे भी ज्यादा ऊंचाई हासिल करेगा।
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