उत्तराखंडपुलिस डायरी
गैर इरादतन हत्या में मां-बेटे को सात साल की सजा, पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा
मामला डालनवाला कोतवाली क्षेत्र का
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देहरादून। नाबालिग लड़के की गैर इरादतन हत्या के मामले में देहरादून की विशेष पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मां-बेटे को सात-सात साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा दोषियों पर दस-दस हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड नहीं देने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा काटनी होगी। मामला 2017 का देहरादून के डालनवाला कोतवाली क्षेत्र का था।
पॉक्सो कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी के मुताबिक साल 2017 में जब ये केस दर्ज हुआ था, तब दोषी नाबालिग था। इसलिए यह जुवेनाइल केस था, लेकिन इस केस की पूरी प्रक्रिया पॉक्सो कोर्ट में चली, इसी कारण फैसला भी पॉक्सो कोर्ट ने ही दिया।
शासकीय अधिवक्ता नेगी ने बताया कि यह मामला मई साल 2017 का है। देहरादून के डालनवाला कोतवाली क्षेत्र में एक ही बिल्डिंग में किराए पर रहने वाली सीता देवी और कमला देवी के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी और कहासुनी मारपीट में बदल गई थी। सीता देवी और उसके नाबालिग बेटे ने कमला देवी के साथ ही नाबालिग सागर तिवारी के साथ मारपीट की। परिजन गंभीर हालत में सागर तिवारी को हॉस्पिटल लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया था। करीब एक महीन बाद उपचार के दौरान जून 2017 में सागर की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गंभीर चोट बताया गया था।
इस मामले में कमला देवी ने सीता देवी और उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था।शासकीय अधिवक्ता नेगी के मुताबिक इस मामले में सबसे बड़ी गवाही मकान मालिकन और उसकी बेटी की रही। क्योंकि उनके सामने ही ये मारपीट हुई थी। दोषियों को सजा दिलाने के लिए कोर्ट में कुल सात गवाह पेश किए गए थे। गवाहों और सबूतों को आधार पर कोर्ट ने मां-बेटे को नाबालिग की हत्या का दोषी मानते हुए सात साल की सजा सुनाई है।
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