Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
*-टीबी की वजह से दुनियाभर में प्रति वर्ष 15 लाख मौतें*
*-विश्व टीबी दिवस आज (24 मार्च), हिमालयन हॉस्पिटल चला रहा जागरुकता अभियान*
डोईवालाः आज (गुरुवार) 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस है। दुनियाभर में प्रति वर्ष लगभग 15 लाख मौतें टीबी यानी क्षय रोग के कारण होती है। इनमें से एक-चौथाई से अधिक मौतें अकेले भारत में होती हैं। इसलिए इस बीमारी को सबसे खतरनाक बिमारियों में से एक माना जाता है।
हिमालयन हॉस्पिटल के छाती व श्वास रोग विभागाध्यक्ष डॉ.राखी खंडूरी ने बताया कि शोध में पाया गया है कि पर्याप्त भोजन की कमी भारत में टीबी या तपेदिक का मुख्य कारण है। स्वस्थ लोगों की तुलना में कुपोषित लोगों में टीबी होने की संभावना चार गुणा बढ़ जाती है। फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी और शरीर के अन्य हिस्से की टीबी को एक्सट्रा पल्मोनरी कहा जाता है। देश में 80 फीसदी पल्मोनरी जबकि 20 फीसदी एकस्ट्रा पल्मोनरी के रोगी होते हैं।
*हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा जागरुकता अभियान*
हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.एसएल जेठानी ने कहा कि विश्व टीबी दिवस को मनाए जाने के पीछे कारण है लोगों को इस रोग की गंभीरता को लेकर जागरुक करना। भारत में टीबी से डॉक्टर्स सालों से लड़ने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस लड़ाई में असली जान तभी आएगी जब लोग जागरुक होंगे। हिमालयन हॉस्पिटल द्वारा इस संबंध में समय–समय पर जागरुकता अभियान चलाया जाता है।
*वर्ष 2020 में टीबी के एक करोड़ मरीज*
डॉ.सुशांत खंडूरी ने बताया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020 में दुनियाभर में एक करोड़ टीबी के मरीज पाए गए। इसमें 56 लाख पुरुष, 33 लाख महिलाएं और 11 लाख बच्चे थे। इनमें से 2.14 लाख लोगों में एचआईवी संक्रमण भी पाया गया।
*टीबी मरीजों के लिए राज्य का प्रथम डीआरटीबी सेंटर*
डॉ.वरुणा जेठानी ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में राज्य का पहला डीआर टीबी (ड्रग रेसिस्टेंट) सेंटर स्थापित है। यह उत्तराखंड का प्रथम डीआर टीबी सेंटर है। बीते 10 वर्षों में डीआर टीबी सेंटर में टीबी के सबसे घातक रुप माने जाने वाली एमडीआर टीबी के रोगियों का भी उपचार किया जा रहा है।
*क्या है टीबी-* डॉ.मनोज कुमार ने बताया कि टूयूबर क्लोसिस जो कि बैक्टीरिया जीवाणु माइकोबैक्टीरियम टयूबरक्लाई से होता है। टीबी एक संक्रामक रोग है जो शरीर के हरएक अंग को प्रभावित करता है।
*टीबी के लक्षण-* बुखार, दो हफ्ते से ज्यादा खांसी, वजन कम होना व खून वाली खांसी होना।
*टीबी से बचाव-* नौनिहालों को बीसीजी का टीका लगवाएं, टीबी की दवाई को बिना डॉक्टरी सलाह के बंद न करें, आस-पास सफाई रखें, छींकते समय मुंह ढकें
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320