
ऋषिकेश। कोरोना संकट अभी देश और दुनिया से खत्म नहीं हुआ है। लेकिन लोगों ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी गाइडलाइनो के प्रति लापरवाही बरतनी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि चीन के कई शहरों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोम के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन लगाया गया है। वही विशेषज्ञों की माने तो भारत में भी कोरोना का संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। केंद्र और प्रदेश सरकार की ओर से अभी भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी तमाम गाइडलाइनो का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन आमतौर पर लगभग सभी लोगों ने इन तमाम संक्रमण से बचाव के उपायों को दरकिनार करते हुए कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने शुरू कर दी है। जिसे सबसे ज्यादा खतरा समाज के नन्हे नौनिहालों को है। वर्तमान समय में लगभग संपूर्ण देश भर में प्राथमिक माध्यमिक और उच्च शिक्षण संस्थान खुल चुके हैं। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की धज्जियां उड़ाने के चलते छात्रों का जीवन खतरे में बना हुआ है। इसके अलावा नया सत्र शुरू होने के साथ ही बुक सेलर की दुकानों पर भी छात्रों और अभिभावकों का जमावड़ा लगा हुआ है। जिससे कहीं न कहीं छात्रों खासकर नन्हें विद्यार्थियों पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है। जिसके चलते समाज को कोरोना के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।