Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
*-स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट में पर्यावरण संरक्षण को लेकर धरातल पर विभिन्न योजनाएं संचालित*
*-जल व ऊर्जा संरक्षण सहित प्लास्टिक वेस्ट निस्तारण व पौधरोपण को लेकर अभिनव पहल*
डोईवाला- शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक विकास के क्षेत्र में आयाम स्थापित कर चुका स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी एक मॉडल विश्वविद्यालय के रुप में पहचान कायम कर चुका है। करीब 200 एकड़ के हरे-भरे विश्वविद्यालय कैंपस में जल व ऊर्जा संरक्षण सहित प्लास्टिक वेस्ट निस्तारण के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं। विश्वविद्लाय में समय-समय पर वृहद पौधरोपण अभियान भी संचालित किया जाता है।
*जल संरक्षण के लिए 23 वर्षों से प्रयास जारी*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि यह अच्छा संकेत है कि पानी की महत्ता को आज कई संस्थान समझ रहे हैं। लेकिन, हमारे संस्थान में 23 वर्ष पहले ही जल आपूर्ति व संरक्षण के लिए एक अलग वाटसन (वाटर एंड सैनिटेशन) विभाग का गठन किया जा चुका है। तब से लेकर अब तक वाटसन की टीम द्वारा उत्तराखंड के सुदूरवर्ती व सैकड़ों गांवों में पेयजल पहुंचाया जा चुका है।
*रोजाना 07 लाख लीटर पानी रिसाइकल*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि एसआरएचयू कैंपस में करीब 1.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाया गया है। इस प्लांट के माध्यम से 07 लाख लीटर पानी को रोजाना शोधित किया जाता है। शोधित पानी को पुनः कैंपस में सिंचाई व बागवानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही सार्वजनिक शौचालयों में अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित वाटर लेस यूरिनल लगवाए जा रहे हैं। अभी तक करीब 150 से ज्यादा वाटर लेस यूरिनल लगाए जा चुके हैं। अमूमन एक यूरिनल से हम प्रतिवर्ष लगभग 1.50 लाख लीटर पानी को बर्बाद होने से बचाते हैं। डॉ.धस्माना ने बताया कि बरसाती पानी के सरंक्षण के लिए भी योजना के तहत 12 रेन वाटर हार्वेस्टिंग रिचार्ज पिट बनाए गए हैं। इन सभी से सलाना करीब 40 करोड़ लीटर बरसाती पानी को रिचार्ज किया जा सकता है। जल संरक्षण के क्षेत्र में उपलब्धियों को देखत हुए भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने संस्थान को सेक्टर पार्टनर के तौर नामित किया है।
*साल 2007 में की पहल, अब 40 फीसदी बिजली की जरुरत सौर ऊर्जा से कर रहा पूरा*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि ऊर्जा संरक्षण के महत्व को समझते हुए वर्ष 2007 में पहला कदम बढ़ाया था। तब हिमालयन हॉस्पिटल, कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट सहित सभी हॉस्टल में सोलर वाटर हीटर पैनल लगाए गए थे। वर्ष 2017 में राष्ट्रीय सौर मिशन से जुड़े। इसके तहत नर्सिंग और मेडिकल कॉलेज में 500 किलोवॉट रूफ टॉप सोलर पैनल लगाए गए। वर्तमान में विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों की छतों में 1500 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इससे अब तक एसआरएचयू करीब 68,51,600 किलोवॉट (यूनिट) बिजली की बचत कर चुका है। सोलर पैनल की मदद से विश्वविद्यालय बिजली की 40 फीसदी मांग सौर ऊर्जा से पूरा कर रहा है। करीब 1455 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। उत्तराखंड के किसी भी संस्थान की तुलना में यह एक रिकॉर्ड है।
*एसआरएचयू में प्लास्टिक बैंक की स्थापना*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक खात्मे की तरफ कदम बढ़ाते हुए एसआरएचयू में प्लास्टिक बैंक बनाया गया है। सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक के लिए विश्वविद्लाय में पहले से ही अभियान चलाया जा रहा है। निश्चित समय अंतराल पर इस संबंध में छात्र-छात्राओं सहित स्टाफकर्मियों को जागरूक भी किया जाता है। प्लास्टिक बैंक से करीब अब तक 800 किलोग्राम प्लास्टिक कचरे निस्तारण के लिए आईआईपी भेजा जा चुका है। यहां पर प्लास्टिक वेस्ट का 70 फीसदी रिसाइकिल कर डीजल बनाने में इस्तेमाल किया जाएगा।
*वृदह पौधरोपण अभियान के जरिये जागरुकता*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने बताया कि विश्वविद्यालय में समय-समय पर ‘गो ग्रीन कैंपस’ अभियान के तहत वृहद पौधरोपण अभियान चलाया जाता है। पौधरोपण अभियान में विभिन्न स्टाफ सहित छात्र-छात्राओं को भी शामिल किया जाता है। ताकि पर्यावरण संरक्षण के प्रति भावी पीढ़ी सजग हो सके।
*एसआरएचयू में वेस्ट पेपर रिसाइकलिंग मशीन लगाई जाएगी*
कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि बिना पेड़ काटे अगर कागज व बाकी स्टेशनरी की मांग पूरी हो जाए, तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। जल्द ही पर्यावरण संरक्षण के दिशा में हम एक और अभिनव पहल शुरू करने जा रहे हैं। विश्वविद्यालय में पेपरलेस कार्य प्रणाली को अपनाया गया है, लेकिन इसके बावजूद कई ऐसे काम में हैं, जिनमें कागज का इस्तेमाल अनिवार्य हो जाता है। इसलिए विश्वविद्यालय में रद्दी को रिसाइकिल करने का प्लांट लगाने जा रहे हैं। इससे पहले लिफाफे, कार्ड और फाइल कवर भी तैयार किए जा सकेंगे। इससे पर्यावरण संरक्षण के साथ संस्थान में इस्तेमाल होने वाले कागज, फाइल कवर व लिफाफों पर होने वाले खर्च में भी कटौती होगी।
‘जल, जंगल, जमीन सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारी पहचान है। भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य के लिए जरूरी है पर्यावरण संरक्षण। पर्यावरण संरक्षण हम सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है। आने वाले समय में ग्लोबल वार्मिंग से आम जनजीवन को बड़ा खतरा होने वाला है। मानव जीवन को बचाने के लिए जरुरी पर्यावरण संरक्षण‘
*– डॉ.विजय धस्माना, कुलपति, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय, जॉलीग्रांट*
*जल आपूर्ति व संरक्षण के क्षेत्र में एसआरएचयू की उपलब्धियां*
-रोजाना 07 लाख लीटर पानी को रिसाइकिल कर सिंचाई के लिए किया जाता है इस्तेमाल
-उत्तराखंड में 7000 लीटर क्षमता के 600 से ज्यादा जल संरक्षण टैंक का निर्माण
-देशभर के 550 गांवों में स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता योजनाओं का निर्माण करवाया
-भारत सरकार के राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के सेक्टर पार्टनर के तौर पर चयन
-24 राज्यों के पब्लिक हेल्थ इंजीनियर्स को दे रहा ट्रेनिंग
-विभिन्न गांवों में 314 जल व स्वच्छता समितियों का गठन
-14 हजार से ज्यादा शौचालय का निर्माण
-17 हजार से ज्यादा लोगों को इस क्षेत्र में प्रशिक्षण
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320