Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/functions/media-functions.php on line 72
देहरादून। भगवान शिव का माह कहा जाने वाला सावन का महीना चल रहा है। हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास की विशेष महिमा है। आज सावन का पहला सोमवार है। सावन के सोमवार का विशेष महत्व है। इस दिन शिवभक्त व्रत रखकर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा, रुद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान करते हैं। वहीं, देशभर के साथ देवभूमि के शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी है। सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग और प्रतिमा पर जलाभिषेक कर मन्नतें मांग रहे हैं। चारों ओर का वातावरण शिवमय नजर आ रहा है।
सावन के पहले सोमवार को रुद्रप्रयाग स्थित केदारनाथ धाम में भी बाबा केदार के चरणों में ब्रह्मकमल चढ़ाने और जलाभिषेक करने को लेकर भक्तों में अपार उत्साह दिखा। माना जाता है कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव को जलाभिषेक, बेलपत्र और ब्रह्मकमल अति प्रिय लगते हैं। इसीलिए दूर-दूर से बाबा के भक्त सावन में केदारधाम पहुंचे हैं। सुबह से हजारों श्रद्धालु बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं।
सावन के पहले सोमवार के चलते चमोली के शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं का भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए तांता लगा रहा। चमोली जिले के गोपेश्वर स्थित भगवान गोपीनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की सड़क तक लंबी लाइन लगी रही। श्रद्धालुओं की बढ़ती तादात को देखते हुए व्यवस्थाएं बनाए रखने के लिए मंदिर परिसर में पुलिस के जवान भी तैनात किए गए।
शिवमयी हुआ काशीपुर
देवभूमि उत्तराखंड में सावन के पहले सोमवार पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर शिवभक्तों की भक्ति देखने को मिली। प्रदेश के विभिन्न स्थानों के साथ साथ उधमसिंह नगर काशीपुर में भी शिवभक्तों ने शिवालयों में जाकर पूजा अर्चना की। काशीपुर में भीम शंकर मोटेश्वर महादेव मंदिर, नागनाथ मंदिर, गंगेबाबा मंदिर समेत नगर के विभिन्न शिवालयों पर भक्तों की भारी भीड़ पूजा करने के लिए उमड पड़ी। भक्तों ने बेलपत्र, गंगाजल, दूध और धतूरे के साथ भगवान शिव की पूजा की।
मोटेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता
नैनीताल के आरक्षित वन क्षेत्र बरहैनी रेंज में स्थित मोटेश्वर महादेव मंदिर में सावन के पहले सोमवार पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। यहां भगवान भोलेनाथ विशालकाय रूप में विराजमान हैं। माना जाता है कि मोटेश्वर महादेव का शिवलिंग भारत के सभी शिवलिंगों से आकार में बड़ा है। इसलिए इस धाम को मोटेश्वर महादेव कहा जाता है। आबादी से कोसों दूर घने जंगल में बसा मोटेश्वर महादेव मंदिर अतीत से ही ऋषि-मुनियों की तपस्थली रहा है।
हल्द्वानी के शिवालयों में भक्तों की भीड़
वहीं, नैनीताल के हल्द्वानी के प्रतिष्ठित जगदंबा मंदिर में भी शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए दूर-दूर से मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं का कहना है कि सावन का यह महीना काफी पवित्र माना जाता है। पवित्र कांवड़ यात्रा भी इसी महीने से शुरू हो गई है। श्रद्धालुओं ने अपने लिए मनोकामना और पूरे देश के लिए सुख समृद्धि और शांति की कामना की।
उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए लगा तांता
प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए सोमवार तड़के से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। सुबह आठ बजे के बाद यहां भीड़ के चलते श्रद्धालुओं को लंबी कतारें लगाकर दर्शन एवं जलाभिषेक करना पड़ा।इसके अलावा गोपेश्वर महादेव, कीर्तेश्वर, लक्षेश्वर, कालेश्वर, रुद्रेश्वर महादेव, केदार, कंडार देवता और जड़भरत आदि तमाम शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की आराधना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की।
ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर में लंबी लाइन
बम-बम भोले के उद्घोष के साथ तीर्थ नगरी ऋषिकेश शिवमय हो गई है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश के पौराणिक मंदिरों में भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऋषिकेश के वीरभद्र महादेव मंदिर, सोमेश्वर महादेव मंदिर और चंद्रेश्वर महादेव मंदिर के साथ-साथ पौराणिक नीलकंठ महादेव मंदिर में भी श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। कोरोना काल के बाद सावन के पहले सोमवार पर भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। वीरभद्र महादेव मंदिर के महंत राजेंद्र गिरि ने कहा कि सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव को जलाभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
हरिद्वार के कनखल में विराजते हैं भगवान शिव
माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल कनखल में ही निवास करते हैं। यहीं से सृष्टि का संचालन और लोगों का कल्याण भी करते हैं। यही वजह है कि शिव की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
दक्षेश्वर मंदिर में शिव के जलाभिषेक का खासा महत्व होता है। मान्यता है कि सावन के महीने में शिव का जलाभिषेक करने से वे सभी की मनोकामनाएं पूरी करतें हैं। हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ यात्रा चल रही है। इसी बीच शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई हैं।
Notice: Trying to access array offset on value of type bool in /home/kelaitgy/aajkaaditya.in/wp-content/themes/jannah/framework/classes/class-tielabs-filters.php on line 320