उत्तराखंडधर्म-कर्म

कपाट बंद होने से एक दिन पहले गर्भगृह को कर दिया स्वर्णमंडित

गर्भगृह की दीवार, जलेरी व छत को 550 सोने की परतों से दिया नया रूप

रुद्रप्रयाग। भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में ग्याहरवें केदारनाथ धाम के गर्भगृह को कपाट बंद होने से पहले स्वर्णमंडित कर दिया गया है। गर्भगृह की दीवार, जलेरी व छत को 550 सोने की परतों से नया भव्य रूप मिला है। एएसआई के दो अधिकारियों की नजरों के सामने यह कार्य पूरा किया गया है। वहीं केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाये से तीर्थ पुरोहितों में अक्रोश बना हुआ है।
बता दें कि महाराष्ट्र के एक दानीदाता के सहयोग से श्री बद्ररीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने गर्भगृह की साज-सज्जा की यह अभिनव पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ भ्रमण से पूर्व भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान व केंद्रीय भवन अनुसंधान रुड़की और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग विभाग के छह सदस्यीय दल ने धाम पहुंचकर मंदिर के गर्भगृह का निरीक्षण किया था। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के बाद तीन दिन पूर्व केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाने का काम शुरू किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के दो अधिकारियों की देख-रेख में दानीदाता के सहयोग से केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह, जलेरी व छत पर सोने की परत लगाने का काम किया गया, जो पूरा किया गया। 19 मजदूरों ने मंदिर के गर्भगृह को नया रूप दिया है, जिन्होंने सोने की 550 छोटी-बड़ी परतें दीवारों, जलेरी और छत पर लगाई।
अब आगामी यात्राकाल में पहले दिन से धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु स्वर्णमंडित गर्भगृह में अपने आराध्य बाबा केदार के दर्शन करेंगे। इस वर्ष जुलाई के आखिरी सप्ताह में महाराष्ट्र के दानीदाता ने बद्ररीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति को केदारनाथ मंदिर का गर्भगृह स्वर्णमंडित करने के लिए आग्रह किया था। इसके बाद चार अगस्त को बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन से गर्भगृह की साज-सज्जा की अनुमति के लिए पत्र भेजा था। करीब ढाई माह में सभी औपचारिकताएं पूरी करने और भारत सरकार से धर्मस्व व पर्यटन सचिव के हस्तक्षेप के बाद केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित किया गया है। बीकेटीसी के ईओ रमेश चंद्र तिवारी ने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने की परतों से साज-सज्जा का काम पूरा हो गया है। कपाट बंद से पहले यह काम पूरा कर लिया गया है। केदारानाथ् मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाये जाने से आगामी वर्ष से यात्राकाल में आने वाले बाबा के भक्तों को भी नई अनुभूति प्राप्त होगी।
वहीं केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत लगाये जाने से तीर्थ पुरोहितों में आक्रोश बन गया है। तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि शनिवार को भुकुंट भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं, जिसके बाद से केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद की प्रक्रियाएं भी शुरू हो गई हैं। इस दौरान भगवान समाधि की ओर चले जाते हैं और मंदिर में सोना नहीं चढ़ाया जा सकता। अगर सोने को लगाया जाना है तो वह अगले साल तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लेकर लगाया जा सकता है। मगर मंदिर समिति ने भैरवनाथ के कपाट बंद होने के बाद ही सोने की परत चढ़ा दी है। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों में बद्री-केदार मंदिर समिति के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है।

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