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*सदन में मोबाइल का प्रयोग किया तो विधायक पर होगी कार्रवाई : स्पीकर*

स्पीकर का सदस्यों को साफ संदेश

मिट्टी मे तेल का मामला सदन में उठा
प्रदेश को हर माह मिल रहा 1200 किलो लीटर मिट्टी का तेल
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने पीठ को कड़ा संदेश दिया और विधायकों को सदन में रहने के दौरान मोबाइल इस्तेमाल ना करने के निर्देश दिये। सदन के पहले विधायकों ने मोबाइल का इस्तेमाल किया था।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने अधिकारियों को भी हिदायत दी है, इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि सदन में कोई भी विधायक मोबाइल का इस्तेमाल करते हुए मिला तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आज संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने उत्तराखंड विधानसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली 2005 के नियम 300 के अंतर्गत प्राप्त सूचनाओं पर की। कार्रवाई का विवरण सदन के पटल पर रखेंगे।
दूसरे दिन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा के सदस्यों ने विभागीय मंत्री से कई सवाल भी किए। पहला सवाल विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री से पूछा कि सरकार राशन कार्ड धारकों को सस्ते दामों पर मिट्टी का तेल क्यों उपलब्ध नहीं करा रही है। जिसके जवाब में खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री रेखा आर्या ने कहा बागेश्वर जनपद को छोड़कर किसी भी जनपद ने 2019 के बाद मिट्टी के तेल का उठान नहीं किया। बागेश्वर जनपद में भी मार्च 2020 से मिट्टी के तेल का उठान नहीं हुआ उत्तराखंड में 29.87 लाख गैस कनेक्शन प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत राज्य में 4 लाख 97 हजार 374 निर्धन परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिए गए है। वहीं, राज्य उज्ववला योजना के तहत 11 हजार 779 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन दिया गया। भारत सरकार, उत्तराखंड राज्य को 1200 किलो लीटर प्रतिमाह मिट्टी का तेल दे रहा है। राज्य में 23.10 लाख (ए ए वाई, पीएचएच, एसएफवाई) राशन कार्ड प्रचलित हैं। मिट्टी के तेल की जगह स्वच्छ ईंधन का किया जा रहा उपयोग।
इसके अलावा आवास मंत्री उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण (सामान्य) विनियमन -2021 को सदन के पटल पर रखेंगे। वन मंत्री उत्तराखंड वन विकास निगम के 2014-15, 2015-16, 2016-1, 2017-18 और 2018-19 तक के आर्थिक चिट्ठों का प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड जल संस्थान के वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 के वार्षिक लेकर प्रतिवेदन को सदन के पटल पर रखेंगे। वहीं, मत्स्य पालन मंत्री उत्तराखंड मध्य अधिनियम (संशोधन) विधेयक 2022 को पुन स्थापित करेंगे।

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