
शामिल हैं। इतना ही नहीं सभी टीमों को बाकायदा मानव तस्करी रोकने के लिए हर जिले में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग एक्ट के तहत विशेषज्ञों द्वारा विशेष तरह की ट्रेनिंग दी जा रही है।
जागरूकता से ही रूक सकती है मानव तस्करी
उत्तराखंड में मानव तस्करी को लेकर जानकारों का कहना है कि यह अपराध वाकई ही में बेहद चिंताजनक हैं। महिलाएं कोई वस्तु नहीं हैं जिनकी सौदेबाजी की जाए। कई राज्य ऐसे हैं जहां पुरुषों के तुलना महिलाओं के लिंग अनुपात में कमी बढ़ती जा रही है। वहीं से कई ऐसे लोग हैं जो मानव तस्करी में जुड़े एजेंट और गैंग के जरिए उत्तराखंड में गरीबी हालत में रहने वाले नाबालिग और महिलाओं से शादी कराने और अनैतिक कार्य का जघन्य अपराध करने में तुले है। यह बेहद चिंता का विषय है।
इसको रोकना सिर्फ पुलिस का ही दायित्व नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकार और राजनीतिक सहित हर जनपद में सक्रिय लोगों का भी है। लोगों को जागरूक रहकर मानव तस्करी का शिकार होने वाली गरीब बच्चियों या महिलाओं को बचाने के लिए पुलिस और महिला बाल विकास प्रशासन को सूचना देनी चाहिए। ताकि समाज की जागरूकता से मानव तस्करी पर नजर बनाकर इस चिंताजनक अपराध पर अंकुश लगाया जा सके।