उत्तराखंडपुलिस डायरी
फर्जी हस्ताक्षर से वसीयत बनाकर आश्रम को खुर्दफुर्द करने वाले तीन लोगों को 6 वर्ष का कारावास

ऋषिकेश। सच्चा धाम तपोवन लक्ष्मणचौक में ब्रह्मलीन स्वामी हंसराज के फर्जी हस्ताक्षर से वसीयत बनाकर आश्रम को खुर्द बुर्द करने वालो को कोर्ट ने विभिन्न धाराओं में 6 साल के कारावास की सजा सुनाई है।
श्री सच्चा वैदिक संस्थान (सच्चा धाम) से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टिहरी न्यायालय की खंडपीठ ने पिछले 11 वर्ष से चल रहे अपराधिक मामले में सुनवाई करते हुए ब्रह्मलीन स्वामी हंसराज के फर्जी हस्ताक्षर से वसीयत बनाकर आश्रम को खुर्द बुर्द करने वाले रविंद्र ब्रह्मचारी पुत्र कान सिंह, अजय पुत्र ओमप्रकाश व गजेंद्र पुत्र लीलू को आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471 व 120B में 6 वर्ष का कारावास एवं अर्थ दंड की सजा का निर्णय सुनाया है। ज्ञात हो कि आश्रम में अभी तक न्यायालय नरेंद्रनगर के निर्णय के बाबजूद भी यह लोग अपने साथियों के साथ दखल देते आ रहे थे। फर्जी वसीयत के आधार पर सोसाइटी चिट फंड में भी अपना नाम दर्ज करा लिया था। सुरेंद्र कुमार मित्तल की अध्यक्षता के अंतर्गत समिति को आश्रम चलाने में अवरोध करता रहा है। सच्चा वैदिक संस्थान के संरक्षक महेंद्र कुमारे योवर ने आश्रम प्रबंधन ने शासन से आग्रह है कि कोर्ट के निर्णय के अनुपालन में इनके सभी साथियों को आश्रम में दखल देने से रोका जाए।