उत्तराखंडधर्म-कर्म

भागवत भगवान का अक्षरावतार है: डा रामकमल दास वेदांती

ऋषिकेश। ब्रह्मलीन पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य जी महाराज की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रीमदभागवत कथा के द्वितीय दिवस के अवसर पर व्यास पीठ पर विराजमान श्रीमद भागवत कथा मर्मज्ञ अंतर्राष्ट्रीय संत पूज्य डा रामकमल दास वेदांती जी महाराज ने अपने श्री मुख से श्रोताओं को ध्रुव चरित्र का मार्मिक वर्णन करते हुए कहा कि नारद शिष्य ध्रुव ने अटल तपस्या से भगवान का मनमोह लिया। जिससे अपना और अपने परिवार का नाम अक्षय कर लिया। भागवत महामात्मय का प्रसंग आगे बढा़ते हुए उन्होंने कहा कि भागवत ही भगवान है। भागवत भगवान का अक्षरावतार है। वक्ता श्रोता के धर्म को विवेचना करते हुए बताया कि वक्ता का चरित्र स्वच्छ होना चाहिए, वहीं श्रोता भगवान के प्रति समर्पित होना चाहिए। वक्ता प्रेरणा का पुंज होना चाहिए। पूज्य व्यास महाराज ने कहा कि भगवान जीव का उद्धार करते हैं। पांडवों के वंशवली का सुन्दर वर्णन करते हुए अपने व्याख्यान में बताया कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा ही होगा मन, कथा को आगे बढ़ाते हुए युधिष्ठिर द्वारा प्रश्न प्रसंग का भी सुंदर वर्णन किया।
श्रीमद्भागवत पुराण के द्वितीय दिवस पर उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कथा स्थल पर भगवान ऋषिकेश नारायण के दर्शन करते हुए व्यास पीठ पर पूज्य संत डॉ राम कमल दास वेदांती जी का आशीर्वाद प्राप्त किया ,
तथा अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि सदैव देवत्व के भाव की है जहां धर्म, संस्कृति ,और संस्कारों की गंगा निरंतर प्रवाहमान रहती है इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र दामोदर दास मोदी का धर्म स्थानों के प्रति श्रेष्ठता का भाव है सम्पूर्ण देश और उत्तराखंड मे धर्म पीठों और मंदिरों के पुनर्निर्माण सौंदर्य के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी कृत संकल्प लेकर उद्धार कर रहे हैं मुख्यमंत्री ने कहा की इस प्रकार के पावन पुनीत धर्म कार्यों में कोई बुलाया नहीं जाता बल्कि जिस पर भगवान की कृपा होती है वही ऐसे पावन पवित्र अनुष्ठानों में आते हैं उन्हीं लोगों को यह सौभाग्य मिलता है जिनके पुण्य श्रेष्ठ होते है।
इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य संत स्वामी चिदानंद मुनी जी महाराज, , श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य महाराज , हर्षवर्धन शर्मा जी, वरुण शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री विजय बड़थ्वाल जी, विनय उनियाल ,मधुसुधन शर्मा, महामंडलेश्वर रामेश्वर दास महाराज, ,महन्त रवि प्रपन्नाचार्य जी शास्त्री , महामंडलेश्वर विष्णु दास महाराज परमानंद दास जी महाराज ,आदि उपस्थित थे
कथा में सम्पूर्ण ऋषिकेश क्षेत्र के श्रद्धालु भगवत कथा का अमृतमय रसपान करते हुए पुण्य का लाभ ले रहे थे ।

Related Articles

Close