
*-समारोह में मुख्य अतिथि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, अति विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी हुए शामिल*
*-24 टॉपर छात्र-छात्राओं को एकेडमिक अवॉर्ड, तीन को स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड जबकि पांच शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई*
डोईवाला- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) में पंचम दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां के ठंडे मौसम में जोश के साथ ऐलान किया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत अब कुछ बोलता है तो दुनिया गंभीरता के साथ सुनती ही नहीं उसका पालन भी करती है।
शनिवार को एसआरएचयू के पंचम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से देश और समाज की सेवा के भाव से कार्य करने का आह्वान किया। इस दौरान प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ.सुशीला शर्मा, डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.रेनू धस्माना, डॉ.सुनील सैनी व बीओजी सदस्य सहित विश्वविद्यालय के समस्त कॉलेज प्रधानाचार्य मौजूद रहे। समारोह का संचालन डॉ.संजय द्विवेदी ने किया। समारोह में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, रियर एडमिरल लोचन सिंह पठानिया आदि भी मौजूद रहे।
*कुल 1316 छात्रों को प्रदान की डिग्री*
हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस)-
292 (एमबीबीएस), 135 (पीजी), 270 ( पैरामेडिकल), 20 (क्लिनिकल रिसर्च) = 717
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन)- 134
हिमालयन स्कूल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (एचएसएसटी)- 116
हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस)- 192
हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंसेज (एचएसवाईएस)-36
हिमालयन स्कूल ऑफ बायो साइंसेज (एचएसबीएस)-116
डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (पीएचडी)- 05
*डॉ.स्वामी राम बेस्ट ग्रेजुएट अवॉर्ड-* रिद्धिमा अग्रवाल, नीमिष जिंदल (एमबीबीएस), प्रियंका चौधरी (बीएससी नर्सिंग)
*24 छात्र-छात्राओं को एकेडमिक अवॉर्ड से सम्मानित किया गया*
हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन)- प्रियंका चौधरी
हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस)- ऋषिका त्रिवेदी, ओजस्वी मित्तल, प्रज्ञा शर्मा, स्वप्निल तिवारी, अनन्या शर्मा, अदिति चौहान, यशस्वी वर्मा, तन्या झा, मोहित नेगी, अनुराधा राणा, अंजलि कुमारी
हिमालयन स्कूल ऑफ बायो साइंसेज (एचएसबीएस)- प्रेरणा भारद्वाज, सोनाली नेगी, मयंक कश्यप, शिवानी पांडे, रशल पिंटो
हिमालयन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एचएसएमएस)- रचना असवाल, शिवानी, कनिका बुटोला, कृतिका थेरेजा, ऋतिका भारद्वाज, सौरभ रतूड़ी
हिमालयन स्कूल ऑफ योगा साइंसेज (एचएसवाईएस)- हिमानी पंवार
*पांच छात्र-छात्राओं को पीएचडी उपाधि प्रदान की गई-* कुमारी अनुकृति (बायोटेक्नोलॉजी), उज्जवल दहिया (नर्सिंग साइंसेज), प्रतीति हलदर (नर्सिंग साइंसेज), राजकुमारी सिल्विया देवी (नर्सिंग साइंसेज), अभिषेक कंडवाल (ऑन्कोलॉजिकल साइंसेज)
*छात्र-छात्राओं में दिखा उत्साह*
दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले सभी छात्रों में उत्साह रहा। समारोह में विश्विविद्याय के विभिन्न कॉलेजों के 1316 छात्र-छात्राएं शामिल रहें।
*समारोह में दिखी भारतीय संस्कृति की झलक*
दीक्षांत समारोह में भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिली। समारोह के आकर्षण का केंद्र छात्र-छात्राओं की वेशभूषा रही। सभी छात्र-छात्राएं भारतीय संस्कृति के पहनावे में नजर
*बयान*
“रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने युवाओं से मजबूत और आत्मनिर्भर ‘न्यू इंडिया’ के लिए नई प्रौद्योगिकियों का विकास करने तथा कंपनियों की स्थापना करने का आह्वान किया। देश में स्टार्ट-अप्स की संख्या 2014 में 400-500 से बढ़कर 70,000 हो गई है, अब 100 से अधिक यूनिकॉर्न बन गए हैं। युवा आत्मनिरीक्षण कर देश में एक सुधारवादी परिवर्तन लाने की दिशा में काम करें। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर आज भारत कुछ बोलता है तो दुनिया उसे गंभीरता पूर्वक सुनती है।“ *– राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री, भारत सरकार*
‘संस्थापक स्वामी राम के आदर्शों को इस संस्थान के ध्येय वाक्य ”प्रेम,सेवा और स्मरण” में देखा जा सकता है। पहाड़ों में डॉक्टरों की कमी है लेकिन स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय इस दिशा में काम कर रहा है। यही नहीं स्वरोजगार व कौशल विकास के क्षेत्र में युवाओं को आत्मनिर्भर बना रहा है। दूसरे शिक्षण संस्थानों को भी स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की सेवाभाव से प्रेरणा लेनी चाहिए।‘ *– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड*
‘उन्होंने कहा कि खुशी की बात है कि उत्तराखंड में आम जनता के लिए शिक्षा के साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी स्वामी राम का सपना पूरा किया जा रहा है। उच्च शिक्षा को रोजगार परक बनाए जाने से युवाओं को रोजगार मांगने वाले के स्थान पर रोजगार प्रदान करने वाले वर्ग में बदला जा सकता है। हमें कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।‘ *– डॉ.धन सिंह रावत, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री*
‘भौतिक लक्ष्य के साथ ही वेद, वेदांत, आध्यात्म के द्वारा जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। स्वामी राम जी ने यह संस्थान जिस विजन और मिशन के साथ शुरू किया था हम उस पर खरे उतरने का प्रयास कर रहे हैं। स्वामी राम का मिशन “पहाड़ की सेवा” था जिसे साकार करने में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।‘- *-डॉ.विजय धस्माना, कुलपति, स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय*