
लोक सेवा आयोग अधिकारी सहित 4 गिरफ्तार
एसटीएफ ने 22 लाख रुपये किए बरामद
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के बाद उत्तराखंड में एक बार फिर से पेपर लीक हो गया है। इस बार उत्तराखंड में पटवारी भर्ती पेपर लीक हो गया है। पटवारी भर्ती की परीक्षा 8 जनवरी रविवार को हुई थी। इस बार पटवारी भर्ती की परीक्षा राज्य लोक सेवा आयोग उत्तराखंड (यूकेपीएससी) ने करवाई थी। इस संबंध में एसटीएफ ने लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। संजीव चतुर्वेदी के पास से आउट प्रश्न पत्र की कॉपियां व प्रश्न पत्र लीक कर अवैध रूप से कमाये गये 22 लाख 50 हजार रुपयों की बरामदगी भी हुई है।
इस बार सरकार ने पारदर्शी भर्ती परीक्षा कराने की जिम्मेदारी यूकेपीएससी को दी थी, मगर यूकेपीएससी द्वारा आयोजित दूसरा ही पेपर लीक हो गया। एसटीएफ को पेपर लीक से जुड़ी जानकारी मिली थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई। सूचना की पुष्टि के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा विस्तृत जांच की गई। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर आज 12 जनवरी 2023 को जनपद हरिद्वार के थाना कनखल में आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी व 3/4 उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) निवारण अधिनियम 1998 के तहत केज दर्ज कराया गया। एसटीएफ इस पूरे मामले की जांच कर रही है और टीम में अभी इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है। एसटीएफ एसएसपी ने बताया कि लोक सेवा आयोग के अनुभाग अधिकारी ने अपनी पत्नी के माध्यम से पपेर लीक कराया था। उन्होंने बताया कि पेपर से एक दिन पहले बिहारी गढ़ के एक फार्म हाउस व लक्सर हरिद्वार में पेपर की तैयारी कराई गई थी।
पेपर लीक के आरोपी
संजीव चतुर्वेदी, अनुभाग अधिकारी, अतिगोपन अनुभाग-3, राज्य लोक सेवा आयोगहरिद्वार।
राजपाल पुत्र स्व. फूल सिंह निवाली ग्राम कुलचंदपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी
संजीव कुमार पुत्र स्व. मांगेराम निवासी ग्राम कुलचन्दपुर उर्फ नथौडी थाना गागलहेडी
रामकुमार पुत्र सुग्गन सिंह निवासी ग्राम सेठपुर, लक्सर, जनपद हरिद्वार।
अनुभाग अधिकारी ने पत्नी के जरिए किया था पेपर लीक
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा बीती 8 जनवरी 2023 को आयोजित लेखपाल और पटवारी के एग्जाम पेपर तैयार करने में आयोग के अति गोपन कार्यालय में अनुभाग- 3 द्वारा कार्य किया गया था। इसमें अनुभाग में नियुक्त अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने अपनी कस्टडी से प्रश्नपत्र को अपनी पत्नी रितु के साथ मिलकर संजीव कुमार को उपलब्ध कराया। इस पेपर लीक एवज में संजीव कुमार ने रितु को मोटी नकद धनराशि दी। इस प्रश्न पत्र को संजीव कुमार और राजपाल ने राजकुमार व अन्य के माध्यम से 35 अभ्यर्थियों को बांटा। इसके बाद उत्तर प्रदेश के बिहारीगढ़ स्थित माया अरुण रिजार्ट व ग्राम सेठपुर लक्सर हरिद्वार के साथ अन्य स्थानों में पढ़ाया। फार्म हाउस में 35 अभ्यर्थियों को पेपर सॉल्व कराया गया। इसी तरह से हरिद्वार व अन्य स्थानों पर भी अभ्यर्थियों को पेपर साल कराने की बात सामने आई है। जांच जारी है और अन्य अभियुक्तों व उनके द्वारा अवैध रूप से अर्जित धनराशि के संबंध में भी कार्यवाही की जा रही है।
संजीव चतुर्वेदी के अन्य से कैसे जुड़ा लिंक
दरअसल, राज्य लोक सेवा आयोग के अतिगोपन अनुभाग-3 में अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की बेटी हरिद्वार के एक कॉलेज में पढ़ती हैं। इस कॉलेज में दूसरा आरोपी राजपाल पढ़ाता था। कॉलेज आने-जाने के दौरान संजीव चतुर्वेदी की पहचान राजपाल से हुई और यहां से धीरे-धीरे पेपर लीक का प्लॉन बना।