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उत्तराखण्ड की पहाड़ियों ने ओढ़ी बर्फ की सफेद चादर चारधाम में बिखरी सफेद चांदी

चारधाम में बिखरी सफेद चांदी

पर्यटकों ने किया पहाड़ो का रूख
बर्फबारी से बढ़ी ठंड, घरों में कैद हुए लोग


देहरादून। मिनी स्वीजरलैंड के रूप में प्रसिद्ध केदारघाटी के पर्यटक स्थल चोपता-दुगलबिट्टा में जमकर सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। बर्फबारी के बाद पर्यटकों ने चोपता का रुख किया है। चोपता में पहली ही बर्फबारी एक फीट से अधिक तक हुई है। बर्फबारी के कारण फिलहाल चोपता-बदरीनाथ हाईवे पर वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। इसके साथ ही बाबा केदार के धाम, शिव-शक्ति विवाह स्थल त्रिजुगीनारायण, कार्तिक स्वामी तीर्थ में भी जमकर बर्फबारी हो रही है। बाबा केदार के धाम में लगातार बर्फबारी जारी है। केदारनाथ धाम में भारी बर्फबारी के बीच आईटीबीपी और पुलिस के जवान तैनात हैं, जबकि कुछ साधु संत भी धाम में रहकर भगवान शंकर की तपस्या में लीन हैं। सुरक्षा कर्मियों के लिए प्रशासन की ओर से अलाव से लेकर राशन की पूरी व्यवस्था की गई है। धाम में अब मार्च महीने के अंत तक बर्फबारी रहेगी, जिस कारण प्रशासन की ओर से पहले से ही धाम में सुरक्षा जवानों के साथ ही साधु संतों के लिए राशन मुहैया करा दिया गया है, जिससे उन्हें कोई समस्या का सामना न करना पड़े।
इसके अलावा भगवान कार्तिकेय को समर्पित उत्तर भारत के एकमात्र तीर्थ स्थल कार्तिक स्वामी मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। यह स्थल कनक चैरी नामक गांव के पास क्रोंच पर्वत पर बसा है। रुद्रप्रयाग से लगभग 36 किलोमीटर दूर कनकचैरी पहुंचकर वहां से लगभग 4 किलोमीटर की चढ़ाई के साथ 80 सीढ़ियां चढ़ने के बाद कार्तिक स्वामी मंदिर पहुंच जाते हैं। इस मंदिर में सैकड़ों घंटियां लटकाई गई हैं, और कहा जाता है कि इस मंदिर की घंटियों की आवाज 800 मीटर तक सुनाई पड़ती है।क्रोंच पर्वत के चारों ओर का यह दृश्य बेहद रमणीक है। यहां त्रिशूल, नंदा देवी, आदि प्रसिद्ध हिमालयी पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन होते हैं। दक्षिण भारत में कार्तिक स्वामी को कई मंदिरों में मुरुगन स्वामी या कार्तिक स्वामी के नाम से पूजा जाता है, लेकिन उत्तराखंड में कार्तिक स्वामी का एक ही मंदिर है और कहते हैं यही वो मंदिर है, जहां से कार्तिक स्वामी का दक्षिण का सफर शुरू हुआ था।
रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि बर्फबारी और मौसम पर प्रशासन पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। रेन बसेरों और गर्म कंबलों की व्यवस्था की गई है। कोई भी व्यक्ति बाहर न रहे इसके लिये पूरी व्यवस्थाएं हैं।

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