उत्तराखंडभ्रष्टाचार
ऊर्जा निगम के एमडी और डायरेक्टर प्रोजेक्ट पर लटकी कार्रवाई की तलवार
26 करोड़ के टेंडर घपले में आए लपेटे में

जालसजी कर टेंडर हड़पने वाली कंपनी ने गैैंग बनाकर पिटकुल को लगाया करोड़ों का चूना
देहरादून। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार और परियोजना निदेशक अजय अग्रवाल पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। दोनों पर उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन (पिटकुल) में कार्यरत रहने के दौरान एक कम्पनी को 26 करोड़ का टेंडर मिलीभगत से देकर पिटकुल को करोड़ों रूपये का चूना लगाकर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का आरोप है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर दोनों अफसरों से सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने स्पष्टीकरण तलब किया है। उधर, पिटकुल प्रबंधन ने ईशान कम्पनी के विरुद्ध भी पटेलनगर कोतवाली में जालसजी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा लिया है।
उत्तराखंड पावर ट्रांसमिशन कारपरेशन लिमिटेड (पिटकुल) में वैध तरीके से करोड़ों की लूट का मामला आप पहली बार सुन रहे होंगे। कंपनी ने किस तरीके से लूट मचाई है उसका एक उदाहरण सुनकर आप भी दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो जाएंगे। बताया गया कि सब स्टेशन के लिए ईशान कम्पनी ने जिस नाइट्रोजन इंजेक्शन फायर प्रोटेक्शन सिस्टम (एनआईएफपीएस) के प्रति पीस को 8 लाख रुपये में खरीदा उसका पिटकुल से 43 लाख प्रति पीस के हिसाब से भुगतान लिया। 35 में से 28 एनआईएफपीएस का पिटकुल भुगतान कर चुका है। करीब 2.24 करोड़ के एनआईएफपीएस का करीब 12 करोड़ का भुगतान किया गया। यानी पिटकुल को 9.76 करोड़ का सीधा चुना लगा है। इससे स्पष्ट रूप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस हद तक सरकारी धन को ठिकाने लगाया गया। हैरत की बात यह है कि यह लूट पिछले 6 साल से होती आ रही है। जिन अफसरों के हाथों में बागडोर थी वही धृष्टराष्ट्र बन सरकारी खजाने को कम्पनी से लुटवाते रहे। मामला उजागर होने के बाद पिटकुल प्रबंधन ने कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है।
सब स्टेशन के निर्माण के टेंडर में करोड़ के घपले की आंच कई इंजीनियरों तक पहुंच सकती है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि 26 करोड़ के टेंडर में अधिकारियों ने पिटकुल को 15 से 20 करोड़ की चपत लगाई है। सबसे कम दर पर काम देने वाले अधिकारियों ने मार्केट रेट को पूरी तरह नजरअंदाज किया। टेंडर में विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत का पूरी तरह अंदेशा जताया जा रहा है।
5 कंपनियों पर जालसाजी का केस
पिटकुल में सब स्टेशन निर्माण के लिए वर्ष 2016 में ईशान एंटरप्राइजेज ने 26 करोड़ का टेंडर लिया। विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकारियों ने टेंडर को नियम विरुद्ध तरीके से एक्सपीरियंस न होने के बाद भी ईशान एंटरप्राइजेज को दो अन्य कंपनियों सीटीआर और वैन्सन कंपनी के ज्वाइंट वैंचर में दिया गया। सबसे अहम बात यह है कि तीनों कंपनियों के साथ ही निविदा प्रतिस्पर्धा में पार्टिसिपेट करने वाली दो अन्य कंपनी एचएससी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स और सीगनेट प्रोडक्ट्स प्रा. लि. की टेंडर फीस का ड्राफ्ट भी एक ही कंपनी के खाते से बनाया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि टेंडर हड़पने के लिए पांचों कंपनियों ने जालसाजी कर टेंंडर पड़ा। सभी कंपनियों में ईशान के रेट सबसे कम हैं, जो अप्रत्याशित बताया जा रहा है। पिटकुल ने पांचों कंपनियों के खिलाफ पटेलनगर थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है। बताया जा रहा कि पांचों कंपनियों को ब्लेक लिस्ट किया जाएगा।