
देहरादून। उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने होली की शाम अचानक दून मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। इस दौरान भी तीमारदारों को इमरजेंसी में बगैर स्ट्रेचर के अपने मरीजों को कंधे पर ढोना पड़ा। दरअसल बुधवार को होली के दिन अचानक उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत दून मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने ओटी और इमरजेंसी का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। इसके बाद मंत्री ने इमरजेंसी का रुख किया तो वहां स्थिति कुछ और ही दिखी। इमरजेंसी में निरीक्षण के दौरान तीमारदार अपने मरीजों को कंधे पर उठाते हुए नजर आए। होली के दिन आलम यह था कि सड़क दुर्घटनाओं, हुड़दंगबाजी के चलते इमरजेंसी में इलाज करवाने आए मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिली।
होली पर 100 से अधिक लोग चोटिल के होने के चलते इलाज के लिए दून मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल की इमरजेंसी की लचर व्यवस्थाओं के चलते अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। इस दौरान मरीज और उनके परिजनों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मंत्री धन सिंह रावत के दौरे के बावजूद अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमराई हुई थीं। इमरजेंसी में मरीजों की भारी भीड़ को देखते हुए दून मेडिकल कॉलेज के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ यूसुफ रिजवी को भी मोर्चा संभालना पड़ा।
अस्पताल में न्यूरो सर्जन डॉक्टर डीपी तिवारी भी न्यूरो से संबंधित मरीजों का इलाज करते हुए नजर आए। होली के दिन कुछ मरीजों को एडमिट करने की भी नौबत आई। मरीजों के परिजन इधर-उधर अपनी शिकायत करते हुए मेडिकल स्टाफ पर भी भड़के तो एक मरीज के परिजनों ने अस्पताल परिसर के बाहर खड़ी एक्टिवा चोरी होने की शिकायत की। जिसके बाद अस्पताल के पीआरओ को इमरजेंसी एंड ओटी डिपार्टमेंट में आना पड़ा, तब जाकर मरीज के परिजनों को एक्टिवा चोरी होने की शिकायत दर्ज करानी पड़ी। कुल मिलाकर दून अस्पताल की इमरजेंसी में होली की शाम मरीजों की भारी भीड़ की वजह से अव्यवस्थाएं देखने को मिली।