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उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के अधिकारियों पर कसेगा कानूनी शिकंजा

विजिलेंस जांच में नियम विरुद्ध नियुक्ति व टेंडर में गड़बड़ी का मामला आया सामने

ये हैं आरोप

उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में योग अनुदेशकों के पदों पर जारी रोस्टर को बदलने, माइक्रोबायोलॉजिस्ट के पदों पर भर्ती में नियमों का अनुपालन न करने, बायोमेडिकल संकाय, संस्कृत में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं पंचकर्म सहायक के पदों पर विज्ञप्ति प्रकाशित करने और फिर रद्द करने का आरोप है। साथ ही विवि में पद न होते हुए भी संस्कृत शिक्षकों को प्रमोशन और एसीपी का भुगतान किया गया। बिना शासन की अनुमति बार-बार विवि की ओर से विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाले गए। रोक लगाने, विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए विवि की ओर से समितियों के गठन की विस्तृत सूचना शासन को न देने के साथ ही पीआरडी के माध्यम से 60 से अधिक युवाओं को भी भर्ती कर लिया गया।

शासन की लिखित अनुमति का इंतजारः अमित सिन्हा
देहरादून। विजिलेंस निदेशक अमित सिन्हा का कहना है कि आयुर्वेद विवि में विजिलेंस जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। शासन की लिखित अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया जाएगा।

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