
चमोली। सरकार और सरकार से जुड़े जनप्रतिनिधि विकास के भले ही लाख दावे करते हों, लेकिन धरातल की स्थिति कुछ और बयां करती हैं। चमोली में दशोली ब्लॉक के पाणा गांव की 55 वर्षीय बीमार आनंदी देवी को गांव तक सड़क न होने की वजह से डंडी-कंडी के सहारे अस्पताल पहुंचाया गया। स्थिति ने सरकार के खोखले दावों की पोल खोलकर रख दी। चमोली जिला मुख्यालय का सबसे करीबी ब्लॉक है दशोली ब्लॉक। या यूं कहें कि चमोली जिला मुख्यालय भी दशोली ब्लॉक के ही अंतर्गत हैं। लेकिन दशोली ब्लॉक में निजमूला घाटी के कई गांव सड़क, स्वास्थ्य और मोबाइल नेटवर्क की समस्या से महरूम हैं। इस कारण आज भी लोगों को तमाम सुख सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। बीते दिन दशोली ब्लॉक के पाना गांव की आनंदी देवी पत्नी स्वर्गीय अमर सिंह कि अचानक तबीयत बिगड़ गई। गांव तक सड़क ना होने के चलते गांव के युवाओं और अन्य लोगों द्वारा बीमार महिला को 8 से 10 किलोमीटर कंधों पर कुर्सी से डंडी कंडी बनाकर सड़क तक पहुंचाया गया। जिसके बाद महिला को जिला अस्पताल गोपेश्वर पहुंचाया गया।
ऐसा नहीं कि इस क्षेत्र से पहली बार किसी बीमार ग्रामीण को ऐसे लाया गया हो। दरअसल ऐसी घटनाएं इससे पहले भी कई बार हो चुकी हैं। जब स्थानीय युवाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं और घायलों बुजुर्गों, बीमार लोगों को इसी तरह से कई चुनौतियों का सामना करते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है। कई बार तो मरीज की अस्पताल लाते वक्त ही आधे रास्ते में ही मौत हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार के नुमाइंदे हर बार क्षेत्र के लोगों को मार्ग का आश्वासन देते हैं, लेकिन गांव तक सड़क अभी तक भी नहीं पहुंच पाई है। पूर्व में सड़क को लेकर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन भी किया गया था, लेकिन उसके बावजूद भी आज तक गांव में सड़क नहीं पहुंच पाई है। सामाजिक कार्यकर्ता मनवर सिंह का कहना है कि बाईपास सड़क का कार्य भी बीते 4 महीने से बंद पड़ा हुआ है। शासन और प्रशासन के सामने ग्रामीणों की ओर से लगातार पत्राचार किया जाता रहा है, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है।