
परिजन अस्पताल ले गए तो थम चुकी थी सांसें
गुस्साए परिजनों ने टर्नर रोड पर लगाया जाम
देहरादून। थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र में नशा मुक्ति केंद्र में इलाज करा रहे एक युवक सिद्धार्थ उर्फ सिददू की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि कुछ लोग युवक के शव को उसके घर के बाहर फेंक कर चले गए, जिसके बाद गुस्साए परिजनों ने शव को कमरे में बंद कर टर्नर रोड पर हंगामा करते हुए जाम लगाया। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया। उसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई के लिए भेज दिया गया।
बता दें कि परिजनों ने नशा छुड़ाने के लिए युवक को आरोग्यधाम नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। परिजनों ने आरोप लगाया कि युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, युवक के हाथ पांव बुरी तरह से तोड़े गए हैं। अब मामले में एसएसपी ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि ये नशा मुक्ति केंद्र एक स्कूल की बिल्डिंग के ऊपर चल रहा था और नीचे स्कूल में बच्चे पढ़ाई करते हैं।
मृतक युवक सिद्धार्थ के माता-पिता की कुछ समय पहले ही मौत हो चुकी है। वो अपने बड़े भाई और चार बहनों के साथ क्लेमेंट टाउन के टर्नर रोड गली नंबर एक में रहता था। सिद्धार्थ के भाई ने बताया कि सिद्धार्थ नशा करता था, जिसके कारण उसे 20 मार्च को नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। नशा मुक्ति केंद्र वालों ने उनसे 5000 रुपए प्रति महीना लिया था और 6 महीने इलाज करने की बात कही थी। आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र में उससे मिलने नहीं देते थे, न ही फोन पर बात करने देते थे।
मंगलवार सुबह करीब 7 बजे वो घर पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चले गए। वो सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए, जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। परिजनों उसे उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में ले गए लेकिन वहां डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया। भाई ने बताया कि सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए थे और पीठ और उसके नीचे चोट के निशान हैं।
परिजन आक्रोशित होने के बाद शव को कमरे में बंद कर टनल रोड पर जाम लगा दिया और कई घंटों तक सड़क पर हंगामा करते रहे। पुलिस की ओर से परिजनों को लगातार समझाया जा रहा था, लेकिन परिजन समझने को तैयार नहीं थे। उसके बाद एसपी सिटी सरिता डोभाल ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाया और शव को पोस्टमार्टम की कार्रवाई के लिए भेजा।
नियमों को ताक पर रख कर चलाया जा रहा था नशा मुक्ति केंद्र
। जिस नशा मुक्ति केंद्र में युवक की मौत हुई है, वो देहरादून के चंद्रबनी क्षेत्र में नियमों को ताक पर दो मंजिला भवन की पहली मंजिल पर चलाया जा रहा था। हैरानी की बात ये है कि जिस भवन में पहली मंजिल पर नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा था, उसके ग्राउंड फ्लोर पर एक स्कूल भी संचालित किया जाता है, यह स्कूल प्ले ग्रुप से कक्षा 5 तक संचालित होता है। गनीमत यह रही कि अब तक स्कूल में किसी भी बच्चे के साथ कोई अनहोनी नहीं हुई है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर स्कूल पहले था तो पहली मंजिल पर नशा मुक्ति केंद्र बनाने की परमिशन कैसे मिली? जबकि, अगर नशा मुक्ति केंद्र पहले से चलाया जा रहा था तो ऐसे में स्कूल की परमिशन कैसे दी गई?
एसपी सिटी में आरोपियों के लिखाफ मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश
एसपी सिटी सरिता डोभाल का कहना है कि थाना क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में टर्नर रोड निवासी एक युवक सिद्धार्थ उर्फ सिद्दू को उसके परिजनों ने चंद्रबनी स्थित नींव आरोग्यधाम नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और कर्मचारियों पर अचेत अवस्था में उसे घर के बाहर छोडकर जाने का आरोप है। परिजन उसे इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ तत्काल मुकदमा पंजीकृत करते हुए सख्त से सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।