उत्तराखंडभ्रष्टाचार
विधानसभा के बर्खास्त 228 लोगों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
कोर्ट ने विशेष अनुग्रह याचिका की खारिज

विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को हाईकोर्ट ने सही ठहराया था
देहरादून। हाईकोर्ट के बाद विधानसभा भर्ती घोटाला मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट ने फिर से बर्खास्त कर्मचारियों को राहत ना देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के फैसले पर मुहर लगाई है, जिसे पहले हाईकोर्ट भी सही ठहरा चुका है।
विधानसभा भर्ती घोटाले में बर्खास्त किए गए कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई है। बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल याचिका दर्ज की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। आपको बता दें कि विधानसभा में 228 कर्मचारियों की तदर्थ नियुक्ति पर विधानसभा अध्यक्ष ने जांच कर इन सभी 228 कर्मचारियों की सेवाएं बर्खास्त करने का आदेश दिया था। जिसे हाईकोर्ट में कर्मचारियों द्वारा चुनौती दी गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को ठहराया था। बर्खास्त कर्मचारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुग्रह याचिका (एसएलपी) को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है। जिसके बाद बर्खास्त कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।
उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित तिवारी ने बताया कि वर्ष 2021 में विधानसभा में तदर्थ रूप से नियुक्त हुए 72 कर्मचारियों की एसएलपी को आज सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच के न्यायाधीश हृषिकेश रॉय और न्यायाधीश मनोज मिश्रा ने सुना। जिसके बाद डबल बेंच ने मात्र डेढ़ मिनट में ही एसएलपी को खारिज कर दिया और उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय के फैसले को सही ठहराया है।
विधानसभा से बर्खास्त हुए थे 228 कर्मचारी
आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने तदर्थ नियुक्तियों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया था। इस फैसले में 2016 से 2021 तक की तदर्थ नियुक्ति वाले 228 कर्मचारियों को जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्त करने का आदेश दिया था। यही नहीं भविष्य में विधानसभा सचिवालय में होने वाली सभी नियुक्तियां पारदर्शी प्रक्रिया के तहत हों, इसके लिए अध्यक्ष विधानसभा ने नियमावली में भी संशोधन की पहल की है।