
दिल्ली में उत्तराखण्ड समान नागरिक समिति की प्रेस कांन्फ्रेंस
समिति की हुई 63 बैठकें, 2 लाख 31 हजार आए लिखित सुझाव
देहरादून। उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार हो गया है। इसकी घोषणा आज उत्तराखंड यूसीसी कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई ने की। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई दिल्ली में जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि उत्तराखंड के प्रस्तावित समान नागरिक संहिता का मसौदा अब पूरा हो गया है। ड्राफ्ट के साथ विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट मुद्रित की जाएगी। इसके बाद इसे उत्तराखंड सरकार को सौंपा जाएगा।
जस्टिस रंजना देसाई ने कहा कि कमेटी ने उत्तराखंड के राजनेताओं, मंत्रियों, विधायकों और आम जनता की राय ली है। उसके बाद ही समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार किया गया है। इससे पहले 2 जून को जस्टिस रंजना देसाई और उत्तराखंड के लिए यूसीसी का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सदस्यों ने विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी और सदस्यों केटी शंकरन, आनंद पालीवाल और डीपी वर्मा से मुलाकात की थी। तब जस्टिस रंजना देसाई ने कहा था कि विधि आयोग इस मुद्दे को लेकर काम करने पर विचार कर रहा है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी को लेकर बहुत उत्साहित हैं। वो लगातार विभिन्न मंचों पर यूसीसी लागू करने की बात कहते रहे हैं। जब 2022 में उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव हो रहे थे तो मतदान से ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनीफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी। सरकार बनने के बाद यूसीसी पर बहुत तेजी से काम हुआ। अब यूसीसी का मसौदा तैयार हो चुका है।
दरअसल, इन दिनों देशभर में यूसीसी का मुद्दा चर्चाओं में है। क्योंकि केंद्र सरकार भी आगामी मॉनसून सत्र के दौरान यूसीसी ड्राफ्ट को पारित कर लागू कर सकती है। उत्तराखंड में यूसीसी के लिए ड्राफ्ट तैयार किए जाने को लेकर सरकार ने 27 मई 2022 को आदेश जारी कर विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इसके बाद से ही डॉक्टर रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित कमेटी, ड्राफ्ट तैयार करने के लिए काम कर रही थी। ऐसे में अब ड्राफ्ट तैयार करने का काम पूरा हो गया है। लिहाजा, यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए गठित कमेटी जल्द ही उत्तराखंड सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी। ऐसे में उम्मीद ही जा रही है कि इस महीने के भीतर उत्तराखंड राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू हो जाएगा। बता दें कि गठित विशेषज्ञ समिति की पहली बैठक 4 जुलाई को हुई थी। इसके बाद से अभी तक 63 बैठकें कमेटी कर चुकी है। लोगों के सुझाव के लिए गठित उप समिति ने करीब 20 हजार लोगों से मुलाकात कर सुझाव लिए थे, इसके साथ ही करीब 2 लाख 31 हजार से ज्यादा लिखित सुझाव कमेटी को मिले थे।
ड्राफ्ट मिलने पर सरकार करेंगी आगे की कार्रवाईः धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि यूसीसी के मसौदा को लेकर समिति लोगों के बीच गई और एक साल से ज्यादा समय तक काम किया। समिति ने 2 लाख से ज्यादा लोगों, कई हितधारकों, संगठनों और बुद्धिजीवियों से बात की। जल्द ही ड्राफ्ट सरकार को मिल जाएगी। इसके बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी। राज्य सरकार को केंद्र सरकार का भी सहयोग प्राप्त है। बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने बताया कि यूसीसी के लिए गठित कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। ऐसे में जल्द ही कमेटी सरकार को ड्राफ्ट सौंप देगी। जिसके बाद आगामी कैबिनेट के सम्मुख इस ड्राफ्ट को रखा जाएगा। इसके बाद मॉनसून सत्र के दौरान इसे विधानसभा में पारित करा लिया जाएगा। वहीं, विधिक कार्रवाई के साथ इसे लागू कर दिया जाएगा।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड
यूनिफॉर्म सिविल कोड, यानी देशभर में रहने वाले सभी लोगों के लिए समान कानून. अब अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी जाति या धर्म का हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। तलाक हो या विवाह, अगर अपराध एक जैसे होंगे, तो सजा भी एक जैसी मिलेगी. अभी तलाक, विवाह, गोद लेने के नियम और संपत्ति विरासत पर धर्म के हिसाब से कानून है। मुस्लिम समाज में शरिया के आधार पर यह तय किया जाता है। उन्होंने मुस्लिम पर्सनल लॉ बना रखे हैं। हालांकि, हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में उल्लिखित है कि सभी नागरिकों के लिए समान कानून हो। क्रिमिनल मामलों में एक जैसे कानून लागू होते हैं, लेकिन सिविल मामलों में अलग-अलग कानून हैं। इसी दोहरापन को समाप्त करने को लेकर बात चल रही है।