उत्तराखंडमनोरंजन

*श्रुति-सरिता आर्ट की डिजिटल संगीत समागम में गूंजी सुर लहरी*

*-श्रुति-सरिता आर्ट की ओर से राग*

ऋषिकेश- श्रुति-सरिता आर्ट की ओर से भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित डिजिटल संगीत समागम रागिनी-2023 आयोजित की गई। इसमें देशभर के कलाकारों ने अपनी भाव-विभोर प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूदेव डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। श्रुति-सरिता आर्ट के संस्थापक व शास्त्रीय संगीतज्ञ आशीष कुकरेती ने बताया कि 15 जुलाई से रागिनी-2023 श्रृंखला का आयोजन किया गया। इसमें साप्ताहिक कार्यक्रम ( डिजिटल बैठक) के तहत देशभर के युवा कलाकारों ने भाव-विभोर प्रस्तुति दी।
पहले कार्यक्रम में सानिका कुलकर्णी ने राग यमन विलम्बित एकताल में पंडित कुमार गंधर्व जी द्वारा रचित रचना “देओ दान मोहे” व “पिहरवा आओ तुम हम मिल” की सुन्दर प्रस्तुति दी। तबले पर आशय कुलकर्णी एवं हारमोनियम पर अभिनय रवन्दे ने साथ दिया। दूसरे कार्यक्रम में गायन में शिरीन सेनगुप्ता नाथ ने राग मधु मल्हार प्रस्तुत किया। तबले पर कौशिक बनर्जी एवं हारमोनियम पर कमलाक्ष मुखर्जी संगत दी। तीसरे कार्यक्र में सौमाल्या मुखोपाध्याय ने मोहनी वीणा में राग तिलक कामोद प्रस्तुत किया, तबले पर समित बानिक ने साथ दिया। आखिरी कार्यक्रम में डॉ.पंडित रणजीत सेनगुप्ता ने सरोद में राग अभोगी प्रस्तुत किया, कौशिक बनर्जी ने संगत  दी |
आशीष कुकरेती ने बताया कि शास्त्रीय संगीतज्ञों को एक उचित प्लेटफॉर्म मिले, उसके लिए श्रुति-सरिता आर्ट प्रतिबद्ध है। समय-समय पर हम ऐसे कार्यक्रम करते रहते हैं।
*धरोहर-2023 कार्यक्रम भी सफल रहा*
संस्थापक आशीष कुकरेती कहते हैं की इस आयोजन का उद्देश्य कार्यक्रम के आयोजन से संगीत सीखने वाले छात्रों ,युवाओं और अन्य लोगों तक शास्त्रीय संगीत और उसके महत्व को लोगों तक पहुंचाना है, जिसमें में हम सफल हो रहे हैं। कुछ माह पूर्व ही धरोहर-2023 का भी आयोजन सफल रहा था। इसमें प्रख्यात ध्रुपद गायक पंडित निर्माल्य डे ने राग भूपाली व राग देश में ध्रुपद, धमार  की पारम्परिक रचनाएं प्रस्तुति की। राग अड़ाना में “शिव शिव शिव शंकर आदिदेव” से कार्यक्रम का समापन किया। पं.निर्माल्य डे की ओर से संगीत विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला भी आयोजित की गई।

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