
सड़कें अवरुद्ध होने के कारण 6 हेलीकॉप्टर किए गए तैनात
चमोली। उत्तराखंड के माणा में आए एवलॉन्च के दूसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एक दुखद समाचार मिला कि ग्लेशियर के मलबे से रेस्क्यू किए गए 4 मजदूर की मौत हो चुकी है। अब तक 50 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। 5 लोगों के लिए रेस्क्यू जारी है।
पीआरओ रक्षा देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने अपडेट दिया है कि सेना की आइबेक्स ब्रिगेड की बचाव टीम के नेतृत्व में हिमस्खलन बचाव अभियान अभी चल रहा है। सेना के एक्सपर्ट युद्ध स्तर पर सर्च और रेस्क्यू अभियान चलाए हुए हैं। रेस्क्यू में कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जा रही है। स्थितियां दुरूह हैं, लेकिन रेस्क्यू टीम का हौसला बुलंद है।
सड़कें अवरुद्ध होने के कारण कुल 6 हेलीकॉप्टरों को लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है। हेलीकॉप्टरों में भारतीय सेना विमानन के 3 चीता हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के 2 चीता हेलीकॉप्टर और भारतीय सेना द्वारा किराए पर लिया गया एक नागरिक हेलीकॉप्टर शामिल है।
अभी तक, रेस्क्यू किए गए 50 में से 27 व्यक्तियों को जोशीमठ पहुंचाया गया। दुर्भाग्य से इन घायलों में से 4 घायलों की मृत्यु की पुष्टि हुई है। बाकी 5 श्रमिकों को निकालने के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
5 व्यक्तियों को बचाने के लिए सेना द्वारा खोज अभियान जारी है। गौरतलब है कि चमोली के माणा में शुक्रवार को आए एवलॉन्च के मलबे में बीआरओ के लिए काम कर रहे 55 श्रमिक दब गए थे। 33 श्रमिकों का रेस्क्यू शुक्रवार को ही कर लिया गया था। 17 श्रमिकों का रेस्क्यू आज शनिवार को किया गया। इनमें से 4 श्रमिकों ने दम तोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि माणा से सभी घायलों को जोशीमठ लाया जा रहा है जहां से गंभीर रूप से घायलों को एम्स लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें केंद्र सरकार की इस रेस्क्यू कार्य में भरपूर मदद मिल रही है। गृह मंत्रालय तथा पीएमओ लगातार संपर्क में है। उन्होंने उम्मीद जताई कि लापता लोगों को जल्द बरामद कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि खराब मौसम व भारी बर्फबारी के कारण इसमें थोड़ी बाधा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 10-12 फीट तक बर्फ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के 50 ब्लॉक में बिजली आपूर्ति व संचार सेवा प्रभावित हुई जिसे दुरस्त करने के प्रयास किया जा रहे हैं।