नई दिल्ली
13 साल की उम्र में ही सरोज खान ने कबूल लिया था इस्लाम धर्म, 30 साल बड़े शख्स संग पढ़ा था निकाह
13 साल की उम्र में ही सरोज खान ने कबूल लिया था इस्लाम धर्म, 30 साल बड़े शख्स संग पढ़ा था निकाह
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नई दिल्ली, 3 जुलाई। बी-टाउन में पिछले कुछ समय से बुरी खबरें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ऋषि कपूर, इरफान खान, सुशांत सिंह राजपूत और अब कोरियोग्राफर सरोज खान का निधन हो गया है। शुक्रवार को देर रात कार्डियक अरेस्ट के चलते 71 साल की उम्र में सरोज दुनिया को अलविदा कह गईं। उन्होंने अपने सिनेमाई करियर में 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया। सरोज की अपने डांस के साथ-साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में रही हैं। उनकी लाइफ काफी विवादित रही है। उन्होंने 13 साल की उम्र में इस्लाम धर्म को कबूल कर लिया था। सरोज खान ने करीब 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया है। कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। सरोज के पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।
सरोज खान ने करीब 2000 से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया है। कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल है। सरोज के पिता का नाम किशनचंद सद्धू सिंह और मां का नाम नोनी सद्धू सिंह है। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। सरोज की पहली फिल्म ‘नजराना’ थी। इसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। 50 के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से सरोज एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं। हालांकि, उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली।
सरोज की पहली फिल्म ‘नजराना’ थी। इसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था। 50 के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ ट्रेनिंग ली। 1974 में रिलीज हुई फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से सरोज एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर की तरह जुड़ीं। हालांकि, उनके काम को काफी समय बाद पहचान मिली।
सरोज खान की मुख्य फिल्मों में ‘मिस्टर इंडिया’, ‘नगीना’, ‘चांदनी’, ‘तेजाब’, ‘थानेदार’ और ‘बेटा’ है। सरोज ने अपने पहले मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का फासला था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म कबूल कर उन्होंने 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी।
सरोज खान की मुख्य फिल्मों में ‘मिस्टर इंडिया’, ‘नगीना’, ‘चांदनी’, ‘तेजाब’, ‘थानेदार’ और ‘बेटा’ है। सरोज ने अपने पहले मास्टर बी. सोहनलाल से शादी की थी। दोनों की उम्र में 30 साल का फासला था। शादी के वक्त सरोज की उम्र 13 साल थी। इस्लाम धर्म कबूल कर उन्होंने 43 साल के बी. सोहनलाल से शादी की। सोहनलाल की ये दूसरी शादी थी।
पहली शादी से सोहनलाल के चार बच्चे थे। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘वो उन दिनों स्कूल में पढ़ती थीं तभी एक दिन उनके डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और उनकी शादी हो गई थी।’ एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि ‘उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल किया था। उस वक्त उनसे कई लोगों ने पूछा कि उन पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। कोरियोग्राफर का मानना था कि उन्हें इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती थी।
पहली शादी से सोहनलाल के चार बच्चे थे। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ‘वो उन दिनों स्कूल में पढ़ती थीं तभी एक दिन उनके डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और उनकी शादी हो गई थी।’ एक टीवी चैनल के साथ इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि ‘उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल किया था। उस वक्त उनसे कई लोगों ने पूछा कि उन पर कोई दबाव तो नहीं है लेकिन ऐसा नहीं था। कोरियोग्राफर का मानना था कि उन्हें इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती थी।’ सरोज से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बता चला। 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया लेकिन 8 महीने बाद ही मौत हो ।गई
सरोज से शादी के वक्त सोहनलाल ने अपनी पहली शादी की बात नहीं बताई थी। 1963 में सरोज खान के बेटे राजू खान का जन्म हुआ तब उन्हें सोहनलाल की शादीशुदा जिंदगी के बारे में बता चला। 1965 में सरोज ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया लेकिन 8 महीने बाद ही मौत हो गई। बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां आ गईं। सरोज की एक बेटी कुकु भी हैं। सरोज ने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की है।
बच्चों के जन्म के बाद सोहनलाल ने उन्हें अपना नाम देने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच दूरियां आ गईं। सरोज की एक बेटी कुकु भी हैं। सरोज ने दोनों बच्चों की परवरिश अकेले ही की है।
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