धर्म-कर्म
प्रभु श्री राम मंदिर हेतु भूमि पूजन सनातन संस्कृति के स्वर्णिम युग का आगाज: सतपाल महाराज
प्रभु श्री राम मंदिर हेतु भूमि पूजन सनातन संस्कृति के स्वर्णिम युग का आगाज: सतपाल महाराज
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देहरादून। उत्तराखंड के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण हेतु हुए भूमि पूजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज भारतीय सनातन संस्कृति के लिए एक स्वर्णिम युग का आगाज हुआ है। श्री अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामचन्द्रजी की जन्मभूमि पर भव्य श्री राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करकमलों द्वारा संपन्न हुआ। इस पुनीत अवसर पर जहाँ अनेक प्रमुख संत महापुरूष इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनें वहीं प्रभु श्रीराम जी की कृपा से मुझे भी भूमि पूजन में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैं विश्व के कोने-कोने में रह रहे सभी राम भक्तों को भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण हेतु भूमि पूजन समारोह के सम्पन्न होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ।
श्री सतपाल महाराज ने कहा कि
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम ने त्रेता युग में रावण का संहार करने के लिए धरती पर अवतार लिया। कौशल्या नंदन प्रभु श्री राम अपने भाई लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न से एक समान प्रेम करते थे। उन्होंने माता कैकेयी की 14 वर्ष वनवास की इच्छा को सहर्ष स्वीकार करते हुए पिता के दिए वचन को निभाया। उन्होंने ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाय पर वचन न जाय’ का पालन किया।श्री सतपाल महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इन्होंने कभी भी कहीं भी जीवन में मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। माता-पिता और गुरु की आज्ञा का उन्होने सदैव निष्ठा और समर्पण भाव से पालन किया। वह एक आदर्श पुत्र, शिष्य, भाई, पति, पिता और राजा बने, जिनके राज्य में प्रजा सुख-समृद्धि से परिपूर्ण थी।
महाराज ने कहा कि सर्वगुण सम्पन्न भगवान श्री राम असामान्य होते हुए भी आम ही बने रहे। उन्होने शबरी के भक्ति भाव से प्रसन्न होकर उसे ‘नवधा भक्ति’ प्रदान की। वर्तमान समय में भगवान श्रीराम के आदर्शों को जीवन में अपना कर मनुष्य प्रत्येक क्षेत्र में सफलता पा सकता है। उनके आदर्श विश्वभर के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
महाराज ने कहा कि अयोध्या में आज अभिजित मुहूर्त में भगवान श्रीराम के भव्य एवं दिव्य मंदिर की आधारशिला रखा जाना पूरे विश्व के लिए सुख और समृद्धिकारक होगा ऐसी हम कामना कर सकते हैं।
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