
रूस ने Sputnik V नाम से जो वैक्सीन तैयार की है, उसका उत्पादन भारत में भी हो सकता है। रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के सीईओ किरिल दिमेत्रीव के मुताबिक, भारतीय फार्मास्यूटिकल प्रोड्यूसर्स के साथ बातचीत चल रही है। RDIF ने वैक्सीन की रिसर्च और प्रॉडक्शन को फंड किया है। मॉस्को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलजी एंड माइक्रोबॉयलजी ने इसे डेवलप किया है। दिमेत्रीव ने कहा, “भारत और रूस, कई सेक्टर्स में ऐतिहासिक रूप से साझेदार रहे हैं। RDIF भारतीय कंपनियों के साथ 2012 से जुड़ा हुआ है।” उन्होंने कहा कि रूस ने पांच देशों में हर साल 500 मिलियन डोज तैयार करने का प्लान बनाया है। भारत के अलावा कोरिया और ब्राजील से भी बात हो रही है।
कैसे रहे रूसी वैक्सीन के नतीजे?
रूस का दावा है कि Sputnik V के फेज-1 और फेज-2 ट्रायल में सभी वॉलंटियर्स पर इसका असर हुआ। 21 दिन के भीतर इम्युनिटी डेवलप हो गई। साइंटिस्ट्स के अनुसार, वैक्सीन का दूसरा इंजेक्शन दिए जाने पर इम्युनिटी डबल हो गई। किसी वॉलंटियर पर कोई सीरियस साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला। इस टीके का फेज-3 ट्रायल रूस के अलावा सऊदी अरब, फिलीपींस, ब्राजील और यूएई में होगा।
भारत में इनको मिलेगी पहली डोज
भारतीय वैज्ञानिक भी कोरोना टीका बनाने में दिन-रात लगे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे का कहना है कि अगर वे कामयाब होते हैं तो कोविड-19 वॉरियर्स को सबसे पहले टीका लगेगा। उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिक इसपर बहुत मेहनत कर रहे हैं। कोविड-19 के खिलाफ तीन वैक्सीन टेस्टिंग के अलग-अलग स्टेज में हैं। और अगर हम वैक्सीन बनाने में सफल होते हैं तो हमारे कोविड वॉरियर्स को सबसे पहले डोज मिलेगी।”