उत्तराखंड
हरकी पौड़ी की तर्ज पर त्रिवेणी घाट को विकसित कराए जाने का ड्डीम प्रोजेक्ट होगा साकार-अनिता ममगाई
करोड़ों रुपए की चार अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं को भी दिखाई मुख्यमंत्री ने हरी झंडी
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ऋषिकेश, 19 अगस्त। कुंभ नगरी हरिद्वार की हर की पौड़ी की तर्ज पर ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट पर बारहों माह गंगा की जल धारा बहेगी।करोड़ों रुयये की इस बेहद महत्वाकांक्षी योजना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरी झंडी दिखा दी है। कुम्भ मेला बजट से इस ड्डीम प्रोजेक्ट को पूर्ण कराने के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा मेला अधिकारी को आदेशित किया गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत कुंभ मेला 2021 के महत्वपूर्ण योजनाओं में इस ड्रीम प्रोजेक्ट के अलावा त्रिवेणी घाट पर सफाई परियोजना, चंद्रभागा एवं गंगा नदी के संगम पर घाट विकास योजना, सरस्वती नाले की टैपिंग किए जाने के कारण क्षतिग्रस्त घाट एवं प्लेटफार्म के पुनर्निर्माण कार्यों सहित ऋषिकेश के आस्था पथ पर स्थित विभिन्न घाटों के पुनर्निर्माण कराए जाने के आदेश दिए हैं।महत्वपूर्ण यह है कि
उक्त परियोजनाओं को नमामि गंगे कार्यक्रम अंतर्गत कराया जाना था लेकिन बजट के अभाव में मुख्यमंत्री द्वारा इस संदर्भ में मेला अधिकारी से कुंभ निधि के माध्यम से उक्त योजनाओं को साकार करने के आदेश जारी किए गए हैं।गौरतलब है कि त्रिवेणी घाट को तीर्थनगरी की हृदयस्थली कहा जाता है। गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम कहे जाने वाले त्रिवेणी घाट पर मानसून काल को छोड़कर शेष अवधि में गंगा पक्के घाट से करीब सौ मीटर दूर चली जाती है। इससे त्रिवेणी घाट अपना आकर्षण खो देता है। त्रिवेणी घाट का विकास हरकी पैड़ी की तर्ज पर करने और गंगा की जलधारा को स्थायी रूप से घाट पर लाने के लिए तमाम घोषणाएं तो हुईं, मगर अभी तक इन्हें अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।सिंचाई विभाग निर्माण खंड ऋषिकेश की ओर से गंगा की धारा को स्थायी रूप से पक्के घाट तक लाने के लिए कई बार विभाग मुख्यालय और शासन को लिखा गया। करीब चार वर्ष पूर्व जल विज्ञान अनुसंधान केंद्र बहादराबाद ने इस पर सर्वे भी किया था। नगर निगम महापौर
अनिता ममगाईं का कहना है कि गंगा की धारा को पक्के घाट पर लाना हमारे संकल्प में शामिल है। इसके लिए बोर्ड में प्रस्ताव पारित कराये जाने के बाद वह केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिली थी और इस बाबत उन्हें तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई थी ।जिसके बाद उन्होंने उक्त योजना को लेकर डीपीआर तैयार कराने को कहा था जिसके बाद तमाम कागजी कार्रवाई पूर्ण करने के पश्चात वे लगातार मुख्यमंत्री से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश के ड्डीम प्रोजेक्ट को लेकर लगातार वार्ता करती रही । मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट को एक बार फिर से पंख लग गए हैं।
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