शिक्षा
सिर्फ कागजों में बना दिया विश्वविद्यालय परिसर, कुलपति का नहीं कोई नियंत्रण
सिर्फ कागजों में बना दिया विश्वविद्यालय परिसर, कुलपति का नहीं कोई नियंत्रण
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ऋषिकेश 22 अगस्त। ऋषिकेश महाविद्यालय को मात्र कागजों में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस कॉलेज बनाया गया है। जबकि किसी भी मामले में विश्वविद्यालय कुलपति का कोई नियंत्रण नहीं है। इस बात की पुष्टि स्वयं विश्वविद्यालय कुलपति डॉ पितांबर प्रसाद ध्यानी ने की।
शनिवार को श्री देव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पितांबर प्रसाद ध्यानी विश्व विद्यालय परिषद ऋषिकेश पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न समस्याओं को लेकर एक पत्रकार वार्ता आयोजित की। वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि महाविद्यालय ऋषिकेश को सिर्फ कागजों में ही विश्वविद्यालय परिषद बना दिया गया है, जबकि विश्वविद्यालय की नींव ही नहीं रखी गई। उन्होंने बताया कि किसी भी मामले में विश्वविद्यालय परिसर पर उनका कोई नियंत्रण नहीं है। परिषद पर संपूर्ण नियंत्रण शासन का है। जिससे परिषद के संचालन में विभिन्न प्रकार की समस्याएं भी सामने आ रही।
उन्होंने बताया कि 6 अगस्त 2019 को ऋषिकेश महाविद्यालय को विश्वविद्यालय परिसर बनाया गया। लेकिन अफसोस कि अभी तक यह फंक्शनल नहीं हो पाया है। शासन की ओर से परिषद की भूमि-भवन ही अभी तक विश्वविद्यालय के नाम पर स्थानांतरित नहीं किए गए। विश्वविद्यालय परिषद को पूर्ण रूप से मान्यता नहीं मिलने और परिसर पर विश्वविद्यालय का नियंत्रण नहीं होने के कारण परिसर संचालन में दिक्कतें आ रही हैं। जिसके लिए विश्वविद्यालय की ओर से शासन के साथ लगातार पत्राचार और बातचीत की जा रही है। परिसर के विश्वविद्यालय के नियंत्रण में आने पर ही सभी अनियमितताओं का सुधार किया जा सकेगा। इन सब के विषय में उन्होंने गढ़वाली में कहा मी लग्यूं छूं।
आदर्श परिसर बनाने को प्रयासरत
कुलपति डॉ पीतांबर प्रसाद ध्यानी ने कहा कि विश्वविद्यालय की छवि को सुधारने, भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। कहा कि अब विश्वविद्यालय में वर्क कल्चर शुरू हुआ है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर को विकसित करने के लिए 3.75 करोड़ की डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है। जिसमें प्रशासनिक भवन से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराकर परिसर को आदर्श परिसर बनाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
मान्यता प्रणाली में पारदर्शिता को ऑनलाइन वेब पोर्टल कराया जारी
कुलपति डॉ पितांबर प्रसाद ध्यानी ने बताया कि पूर्व में विश्वविद्यालय की मान्यता प्रणाली में पारदर्शिता नहीं थी और मानकों के बिना ही विश्वविद्यालय की ओर से मान्यता प्रदान कर दी जाती थी। मान्यता प्रणाली में पारदर्शिता के लिए उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से 30 जुलाई को ऑनलाइन वेब पोर्टल जारी किया।
छात्र संघ ने किया कुलपति का घिराव
पत्रकार वार्ता के दौरान छात्र संघ के पदाधिकारी विभिन्न मांगों और समस्याओं को लेकर कुलपति कक्ष में आ धमके। इस दौरान पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय परिषद में सुनिश्चित की गई सीटों को बढ़ाए जाने को लेकर कुलपति का घेराव किया। उनकी मांग थी कि हमें परिषद नहीं पूर्ण विश्वविद्यालय चाहिए अन्यथा ऑटोनोमस कॉलेज ही रहने दिया जाए। इस पर कुलपति ने छात्र नेताओं को बताया कि अभी विश्वविद्यालय परिषद पर उच्च शिक्षा निदेशालय का नियंत्रण है मेरा नहीं। जिस दिन विश्वविद्यालय परिषद पर मेरा नियंत्रण होगा सीट अवश्य बढ़ाई जाएंगी। कुलपति के इस आश्वासन के बाद छात्र नेता किसी तरह शांत हुए।
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