क्राइम

कोतवाली पुलिस ने 48 घंटे में किया गुमशुदा व्यक्ति की हत्या का खुलासा, हत्या के जुर्म में पत्नी सहित चार आरोपी गिरफ्तार

कोतवाली पुलिस ने 48 घंटे में किया गुमशुदा व्यक्ति की हत्या का खुलासा, हत्या के जुर्म में पत्नी सहित चार आरोपी गिरफ्तार


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ऋषिकेश 28 सितंबर। कोतवाली पुलिस ने गुमशुदा हुए व्यक्ति की हत्या का 48 घंटे में खुलासा करते हुए पत्नी सहित 4 हत्यारों को गिरफ्तार किया है। हत्या मे प्रयुक्त हथोडा व 2 मोटर साईकिल को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।
कोतवाली ऋषिकेश के मुताबिक 25 सितंबर को चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश निवासी चंदा साहनी पत्नी जितेंद्र साहनी ने अपने भाई अमरजीत साहनी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। जिसमें उन्होंने बताया कि
मेरा भाई अमरजीत साहनी (32) पुत्र जीवन साहनी बीते 18 सितंबर की शाम 3:00 बजे अपने दो अन्य साथियों के साथ काम पर गया था, जो अभी तक वापस नहीं आया है। जबकि दोनों साथी वापस आ गए हैं। इस संबंध में उसके साथियों व अपनी भाभी से पूछा तो कुछ भी नहीं बता रहे हैं। हमें शक है कि मेरा भाई किसी दुर्घटना का शिकार न हो गया हो। मामले की गंभीरता को देखते हुए तहरीर के आधार पर गुमशुदगी दर्ज कर तहकीकात शुरू की। जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदा अमरजीत के परिजनों से पूछताछ शुरू की।
जांच पड़ताल के दौरान पुलिस के सामने आया कि गुमशुदा की पत्नी का गुमशुदा के साथी के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा है। जिसकी जानकारी उसके पति को हो गई थी। जिस पर पुलिस उसकी पत्नी व साथियों को थाने बुलाकर सख्ताई से पूछताछ की गई। जिस पर गुमशुदा की पत्नी व गुमशुदा अमरजीत के साथियों ने योजना बनाकर गुमशुदा अमरजीत साहनी की हथोड़ा मार कर हत्या करने का अपराध स्वीकार किया और गुमशुदा के शव को जंगलात बैरियर से आगे जंगल में झाड़ियों में छिपाना बताया गया। जिनकी निशानदेही पर गुमशुदा अमरजीत के मृत शरीर व हत्या में प्रयुक्त हथौड़े को घटनास्थल से बरामद कर लिया गया है।
पूरे घटनाक्रम की जांच में मृतक की पत्नी, मृतक की पत्नी के प्रेमी, मृतक के साडू व एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। चार लोगों को हुए गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों की पहचान 1- राजन पुत्र महेंद्र महतो निवासी ग्राम रामनगर बनकट निकट पानी की टंकी पोस्ट जगदीशपुर, मझौलिया, बेतिया बिहार, हाल निवासी- प्रदीप का मकान शीशम झाड़ी, गली नंबर 9, मुनिकीरेती।
2- सुनील पुत्र बलदेव सिंह निवासी ग्राम खरड़, फुगाना, मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश, हाल निवासी- चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश।
3- अनिल प्रसाद पुत्र शंभू प्रसाद निवासी गहरी कोठी, नौतन, बेतिया, बिहार, हाल निवासी- चंद्रेश्वर नगर, ऋषिकेश
4- सुनीता पत्नी गुमशुदा अमरजीत साहनी निवासी गांव भगवानपुर, कल्याणपुर, समस्तीपुर, बिहार, हाल निवासी- मंगल का मकान, मायाकुंड, ऋषिकेश के रूप में की है।

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पूछताछ में कबूला हत्या का जुर्म

सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार मानवाधिकारों का सम्मान करते हुये कोतवाली पुलिस ने गुमशुदा अमरजीत साहनी पुत्र जीवत साहनी, हाल निवासी- चन्द्रेश्वर मार्ग, मायाकुण्ड, ऋषिकेश की गुमशुदगी के संबंध में संदिग्ध राजन कुमार (24) पुत्र महेन्द्र महतो निवासी ग्राम रामनगर बनकट निकट पानी की टंकी, जगदीशपुर, मझौलिया, बेतिया बिहार, हाल निवासी प्रदीप का मकान शीशमझाड़ी गली नं 09, मुनिकीरेती टिहरी गढवाल ने पूछताछ में बताया कि मैं विगत 9-10 वर्ष पूर्व ऋषिकेश लेवर का काम करने के लिये आया था तथा वर्तमान में मैं मिस्त्री का काम कर रहा हॅू।
अमरजीत साहनी को मैं पिछले दो ढाई साल से जानता हॅूं वह अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ मायाकुण्ड ऋषिकेश में ही रहता था। अमरजीत साहनी पहले किसी मामले में जेल गया था। इसी दौरान अमरजीत की पत्नी सुनीता ने मेरे साथ लेवर का काम किया था, इसी दौरान मेरे सुनीता के साथ सम्पर्क हुआ व हमारे बीच मेल जोल बढ़ा व हम एक दूसरे से प्यार करने लगे थे। हमारे बीच शारीरिक सम्बन्ध भी बने। लाॅकडाउन के दौरान अमरजीत ने भी मेरे साथ लेवर का काम किया था। सुनीता व मेरे सम्बन्धो की जानकारी अमरजीत को हो गई थी। इसी बात को लेकर वह सुनीता से शराब पीकर मारपीट करने लगा, तथा मेरे से भी गाली गलौच करता रहता था। कुछ समय के लिये सुनीता और मैने आपस में सम्पर्क बन्द कर दिया था, परन्तु इसके बावजूद भी अमरजीत अपनी पत्नी सुनीता से इसी बात को लेकर मारपीट व गाली गलौच करता रहा। यह बात फोन पर सुनीता ने मुझे बतायी क्योंकि मै सुनीता से प्यार करने लगा था तथा अमरजीत उसे लगातार मारपीट कर रहा था। यह बात तुझे अच्छी नही लगी अतः रोज रोज के झझंट से छुटकारा पाने के लिये मैने सुनीता के साथ मिलकर अमरजीत को मारने का मन बना लिया। सुनीता ने भी मुझे कई बार कहा था कि यदि तुम आगे भी मेरे साथ रहना चाहते हो तो अमरजीत को मारकर रास्ते से हटाना होगा।
मैं, सुनील पुत्र बलदेव सिंह निवासी ग्राम खरड़ थाना फुगाना जिला मु.नगर, उत्तरप्रदेश, हाल चन्द्रेश्वरनगर, ऋषिकेश जो कि अमरजीत का साढू है को भी अच्छी तरह से जानता हॅूं, अरजीत की पत्नी सुनीता के कहने पर मैने सुनील को अपने साथ काम पर रखा था जो कि लेवर का काम करता है। यह अपने परिवार के साथ चन्द्रभागा ऋषिकेश में ही रहता है। सुनील को मेरे व सुनीता के सम्बन्धों की जानकारी थी, परन्तु वह मेरे साथ लेवर का काम करता था, इसलिये उसने कभी विरोध नही किया। अमरजीत द्वारा मेरे कारण अपनी पत्नी से मारपीट की जानकारी सुनील को थी जब अमरजीत उसके साथ मारपीट करता था तो वह सुनील को व अपनी बहिन को बताती थी। जिससे सुनील भी अमरजीत के इस बर्ताव से काफी परेशान था। सुनील काफी समय से लेवर का काम करता था व वह मिस्त्री बनना चाहता था। अतः मैने अमरजीत को अपने रास्ते से हटाने वाले प्लान में इसे भी सामिल करने की सोची।
अनिल प्रसाद पुत्र शम्भू प्रसाद निवासी गहरी कोठी, नौतन, बेतिया, बिहार, हाल निवासी चन्द्रभागा, ऋषिकेश जो कि पत्थर लगाने का मिस्त्री है, जिसको मैं पिछले 2-3 वर्ष से जानता हॅू, हम दोनो ने कई बार एक साथ मिलकर काम किया है। चूंकि अनिल भी बिहार का रहने वाला है, जिस कारण हम दोनो अच्छे दोस्त है, अनिल मुझे अपने परिवार की सारी बाते भी बताता था, जिसे रूपयों की आवश्यकता थी। अमरजीत भी इसे अच्छी तरह जानता था। अनिल को रूपयों की आवश्यकता थी। अतः इसे भी मैने अपने प्लान में शामिल करने की सोची। मैने अमरजीत को अपने रास्ते से हटाने के लिये दोनो से मिलकर बात की, अनिल को कहा कि तुझे मिस्त्री बना दूंगा तथा अनिल प्रसाद को मैने 20 हजार रूपये देने का लालच दिया, जिस पर दोनो सहमत हो गये।
जिसके बाद 18 सितंबर को ढालवाला पुल के सामने हम तीनो ने मिलकर अमरजीत को मारने की योजना बनायी। योजना के अनुसार अनिल प्रसाद व सुनील अमरजीत को शराब पिलाने का बहना बनाकर उसके घर से मेरी मोटर साईकिल ड्रीम योगा नम्बर UK07-AR- 9130 में लेकर आए। नटराज चौक पर मैने सुनील को फोन कर रूकवा दिया। योजना के मुताबिक मैने अनिल प्रसाद को एक हजार रूपये दिये थे व बताया कि अमरजीत को खूब शराब पिलाना ताकि वह होश में न रहे। अनिल प्रसाद मेरी मोटर साईकिल में अमरजीत को लेकर रानीपोखरी ठेके पर चला गया। वहां बैठकर दोनो ने योजना के मुताबिक शराब पी। अनिल ने मुझे फोन किया व बताया कि बाइक खराब हो गयी है। फिर मैं अपने दोस्त सुमित निवासी ढालवाला की बाइक सुपर स्पलेण्डर नं. UK07-Y- 0382 ली और अपने साथ सुनील को बैठाकर रानीपोखरी ले गया। मैने वह बाइक सुनील को दी। जिसे लेकर सुनील वापस ऋषिकेश आ गया। मेरी बाइक जिसे अनिल अपने साथ अमरजीत को बैठाकर ले गया था, उसकी चेन खराब हो गयी थी। अतः मैने रानीपोखरी में ही बाइक की चेन ठीक करवायी, मेरी बाइक में एक तनीदार बैग टंगा हुआ था, जिसमें योजना के मुताबिक मैने हथोड़ा रखा हुआ था। अमरजीत नशे में घुत था उसने जैसे ही मुझे देखा मेरे से गाली गलौच करने लगा और कहने लगा कि तेरा मेरी पत्नी के साथ अवैध रिस्ता है। मैं तुझे देख लूंगा। फिर मैने अपनी बाइक में अमरजीत को बीच मैं बैठाया व पीछे से अनिल प्रसाद बैठा। योजना के मुताबिक हम ऋषिकेश की तरफ चल दिये। रात्रि होने के कारण अंधेरा हो चुका था, रास्ते में काली मन्दिर से लगभग 200 मीटर ऋषिकेश की आगे मैने बाइक रोक दी। अमरजीत नशे में बिलकुल धुत था तथा गाली गलौच कर रहा था जिसे हम दोनो ने पकड़कर बाइक से नीचे उतारा व बाइक को सड़क किनारे खड़ा किया। मैने अपनी बाइक के बैग से हथोड़ा निकाला व अमरजीत के सिर के पीछले हिस्से पर एक जोरदार वार किया। जिससे वह बेहोश होकर वंही पर गिर गया। फिर मैं अमरजीत को खींच कर अकेले ही सड़क से बांयी तरफ नदी की ओर लगभग 50-60 फिट अन्दर झाड़ियों में ले गया। जहां पर मैने फिर से उसके सिर पर हथोड़े से तीन चार वार किये। मैने उसकी जेब से उसका मोबाईल फोन निकाल दिया था तथा हथोड़े को अमरजीत के सिर के पास ही फेंककर यकीन होने पर कि अमरजीत मर गया, मैं झाड़ियों से बाहर आकर सड़क पर आ गया। अनिल प्रसाद सड़क पर खड़े होकर आने जाने वाले लोगो पर नजर रख रहा था। फिर हम दोनो वापस ऋषिकेश आ गये। अनिल प्रसाद अपने कमरे पर चला गया तथा मैं अमरजीत का मोबाईल फोन लेकर उसके घर गया। जहां पर मैने अमरजीत को मारने की पूरी घटना उसकी पत्नी सुनीता को बतायी। मैने अमरजीत के मोबाईल फोन को सुनीता को दे दिया था, कि इसे अपने पास रख लेना।
हमे पता चला कि अमरजीत की बहन चन्दा साहनी ने रिपोर्ट दर्ज करायी हुई है और पुलिस पूछताछ के लिये हमे खोज रही है। जिस कारण आज हम चारों यहां से कंही भागने की फिराक में थे कि पुलिस हमें पूछताछ के लिये थाने लेकर आ गयी।
पूछताछ में चारों ने अपने द्वारा किए गए अपराध को स्वीकार किया है। पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।


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