स्वास्थ्य

एसआरएचयू के दो वैज्ञानिक दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों में शामिल

डॉ.प्रकाश केशवया और डॉ.सीएस नौटियाल के नाम बड़ी उपलब्धि दर्ज


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👉अमेरिका कैलिफोर्निया की स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने डाटा बेस विश्लेषण कर जारी की रैकिंग

👉सर्वेक्षण में मुख्य रुप से 22 शोध क्षेत्रों में काम कर रहे विश्व के एक लाख से ज्यादा वैज्ञानिक शामिल

डोईवाला,05 नवंबर।   स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के नाम विश्वस्तरीय उपलब्धि दर्ज हुई है। विश्वविद्यालय में सेवा दे रहे डॉ.प्रकाश केशवया और डॉ.सीएस नौटियाल को दुनिया के शीर्ष दो फीसदी वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है। अमेरिका कैलिफोर्निया की स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों के डाटा का विश्लेषण कर यह रैकिंग जारी की। एसआरएचयू के कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। विश्वविद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राएं इन दोनों शीर्ष वैज्ञानिकों के अनुभवों का लाभ उठा रहे हैं।

*विश्लेषण में एक लाख वैज्ञानिक शामिल*
स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय कैलिफोर्निया की ओर से मुख्य रुप से 22 शोध क्षेत्रों में वैज्ञानिकों के डाटा बेस का विश्लेषण किया गया। इसमें दुनियाभर के करीब एक लाख से ज्यादा वैज्ञानिकों को शामिल किया गया। इसमें यूरोलॉजी व नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में भारत के सात वैज्ञानिकों को शामिल किया गया। जिसमें से एसआरएचयू के डॉ.प्रकाश केशवया जबकि माइक्रोबॉयलॉजी के क्षेत्र में भारत के कुल 13 वैज्ञानिकों को शामिल किया जिसमें से डॉ.सीएस नौटियाल को दुनिया के शीर्ष दो फीसदी भारतीय वैज्ञानिकों में शामिल किया गया।

*शोध पत्र की गुणवत्ता अहम कारक*
डॉ.प्रकाश केशवया व डॉ.सीएस नौटियाल ने बताया कि स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस रैंकिंग के लिए शोध पत्रों की सिर्फ संख्या को ही आधार नहीं बनाया। बल्कि इसमें मुख्य रुप से क्वालिटी ऑफ पब्लिकेशन, जर्नल इंपैक्ट (नामी जर्नल में प्रकाशन), शोध पत्र का अन्य रिसर्च में उल्लेख (साइटेशन) किया गया।

*डॉ.प्रकश  केशवया को यूरो व नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में मिला सम्मान*
आईआईटी मद्रास से बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद अमेरिका की  यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से मैकेनिकल इंजीनियिरिंग में मास्टर ऑफ साइंस (एसएस) किया। इसके बाद उन्होंने बायोमेडिकल शोध के क्षेत्र में पीएचडी की। यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा से ही उन्होंने शरीर विज्ञान के क्षेत्र में एमएस किया। 15 सालों की एकेडमिक रिसर्च के बाद डॉ.प्रकाश केशवया अमेरिका के शिकागो शहर में स्थित बैकस्टर हेल्थकेयर कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट बन गए। इस दौरान उन्होंने 130 शोधपत्र प्रकाशित व नौ पेटेंट अपने नाम कराए। डॉ.केशवया को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय योग्यता छात्रवृत्ति, आईआईटी मद्रास ने योग्यता छात्रवृति सहित कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ.प्रकाश केशवया एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम के अनुयायी हैं। हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में डायलिसिस यूनिट की स्थापना में अहम योगदान दिया। वर्तमान में एसआरएचयू के व्यवस्थापक मंडल के सदस्य व वित्त सलाहाकार के तौर पद सेवा दे रहे हैं। साथ ही मेडिकल के पोस्ट ग्रेजुएट छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक व शोध गतिविधियों में मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।

*डॉ.सीएस नौटियाल को माइक्रोबायलॉजी के क्षेत्र में मिला सम्मान*
एसआरएचयू में बतौर साइंटिफिक एडवाइजर के पद पर सेवा दे रहे। डॉ.सीएस नौटियाल 1977 में वनस्पति विज्ञान में एमएससी किया। इसके बाद माइक्रोबायलॉजी के क्षेत्र में पीएचडी की। डॉ.नौटियाल दून विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। अमेरिका में अमेरिकन बयाटेक कंपनी में प्रोडक्शन मैनेजर भी रहे। डॉ.नौटियाल रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी हैं। करीब 123 शोध पत्र का प्रकाशन और 40 से ज्यादा पेटेंट उनके नाम दर्ज हैं। डॉ.सीएस नौटियाल ने कहा कि कहा कि हम स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के रिसर्च एंड डेवलेपमेंट कार्य को मजबूत करने की योजना बना रहे हैं। अगले 2-5 सालों में पेटेंट, प्रकाशन और प्रौद्योगिकियों के निर्माण की उम्मीद है। मेडिकल, योग, इंजीनियरिंग, ग्रामीण विकास संस्थान, आयुर्वेद और जैविक विज्ञान संकाय के क्षेत्र में करीब 15 परियोजनाओं पहचान की गई है। परियोजना के परिणाम कैंसर के रोगियों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने, पहनने योग्य स्वास्थ्य उपकरण, मस्तिष्क के तंत्रिका-तंत्र पर योग के प्रभाव और पुरानी बीमारियों में जीवन की स्वास्थ्य-संबंधी गुणवत्ता, हृदय की बिमारियों की रोकथाम और टाइप-2 मधुमेह, तनाव के प्रबंधन के लिए आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी बूटियों के लिए उपयोगी होंगे। इससे विश्वविद्यालय की एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति अर्जित होगी।


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