उत्तराखंडस्वास्थ्य

डेंगू को लेकर एम्स ने जारी की एडवाइजरी

तेज बुखार में सावधान रहने के लिए किया अलर्ट

बरसात के मौसम में तेजी से पनपते हैं एडीज मच्छर
लक्षणों के प्रति जागरूक रहने से ही होगा डेंगू जनित बीमारी से बचाव
ऋषिकेश। एम्स,ने इस जानलेवा बीमारी से बचाव के प्रति हेल्थ एडवाईजरी जारी करते हुए कहा कि अलर्ट रहिए खतरनाक बीमारी डेंगू का प्रकोप शुरू हो गया है। गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद अब स्कूल- कॉलेज भी खुल चुके हैं। ऐसे में बच्चों को डेंगू जैसे घातक रोगों से बचाना बेहद जरूरी है।
बरसात के मौसम में डेंगू फैलने का खतरा ज्यादा होता है। तेज बुखार से शुरू होने वाला यह रोग घातक वायरस के कारण शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित करना शुरू कर देता है और समय पर इलाज न होने की स्थिति में मरीज की हालत गंभीर हो जाती है। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने इस बारे में बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति इन बीमारियों के लक्षणों के बारे मे सचेत रहें और बीमारी के फैलने के प्रति उचित जानकारी रखे। स्कूली बच्चों को चाहिए कि डेंगू से बचाव के लिए फुल बाजू के कपड़े जरूर पहिनें। साथ ही उन्होंने कहा कि डेंगू, एक मौसमी बीमारी है, जो भारत में मुख्य रूप से जुलाई से अक्टूबर तक अपने पैर पसारती है। मादा एडीज मच्छर के काटने से पैदा होने वाले इस रोग में शरीर के प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगते हैं और रोगी की इम्युनिनिटी बहुत कमजोर हो जाती है। प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि छोटी आयु वाले बच्चों, डायबिटीज, अस्थमा तथा हृदय रोग वाले मरीजों में डेंगू संक्रमण का खतरा सर्वाधिक होता है।
एम्स के सामुदायिक एवं फेमिली मेडिसिन विभाग के ऐडिशनल प्रोफेसर और आउटरीच सेल के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने बताया कि डेंगू बीमारी तब फैलती है जब एडीज मच्छर पहले से डेंगू संक्रमित व्यक्ति को काटता है। इस स्थिति में संक्रमित व्यक्ति से डेंगू का वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसकी अवधि 4 से 7 दिन तक होती हैं इसके बाद यह संक्रमित मच्छर व्यक्ति को काटता हैं  यह वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये शरीर मे तेजी से फैलना शुरू कर देता है। उन्होंने बताया कि का एडीज मच्छर अधिकतर ठहरे हुए साफ पानी में ही पनपता है। डेंगू का कारण एक प्रकार का वायरस है जो मच्छर से फैलता है। शरीर में प्रवेश करने के बाद डेंगू का वायरस 3-10 दिनों के भीतर लक्षण पैदा करता है। डॉ.संतोष ने बताया कि अगर शरीर मे तेज बुखार के साथ लाल रंग के चिकते या रक्तस्राव होने लगे तो यह डेंगू का रक्तस्रावी बुखार होता है। इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए हम जागरूक रहकर अपना बचाव कर सकते हैं द्य एम्स  ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल ने सेवन प्लस वन इनिशेटिव प्रोग्राम के जरिये डेंगू पर नियंत्रण करने  प्रभावशाली प्रोग्राम बनाया हैं जिसका नाम हैं सेवन प्लस वन प्रोग्राम हैं यह प्रोग्राम 2019 से संचालित किया गया था और तब से ऋषिकेश में डेंगू के केस में काफी नियंत्रण हुआ हैं जिसमे नगर निगम ऋषिकेश  एवं स्वास्थ्य विभाग का सहयोग हमेशा से ही मिलता रहा हैं।

होता है।
हल्का डेंगू बुखार,
डेंगू रक्तस्रावी बुखार
डेंगू शॉक सिंड्रोम।

ऐसे संक्रमित रोगियों को एक स्थान पर आराम करने के लिए बोलना और अधिक बुखार होने पर केवल पानी और पेरासिटामोल का सेवन करने के साथ सुरक्षा के उपायों में फुल-बाजू के कपड़े पहनना, दिन में मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दे, जिससे कि मच्छर उनको ना काट सके तथा उनके शरीर के विषाणु किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति में ना पहुंच सके।
यह रक्त स्त्राव के लक्षण है, ऐसे मरीजों को तुरंत चिकित्सा परामर्श हेतु अस्पताल भेजना चाहिए उपरोक्त कार्यक्रम मोहल्ले, गाँव में सभी चिन्हित बस्तियों में लगातार सात दिन एक घंटे प्रतिदिन करने से मच्छर के लार्वा समाप्त हो सकते हैं व डेंगू से मुक्त हो सकते हैं।

डेंगू से बचाव के कार्य
पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें।
साफ और स्वच्छ पानी का ही सेवन करें।
खाली बर्तनों की सतहों को अच्छी तरह साफ करने के बाद उन्हें उल्टा करके रखें।
फुल बाजू के कपड़े पहिनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें और ठहरे हुए पानी में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें ताकि मच्छर के लार्वा नष्ट हो जायं।
रूके हुए पानी को कीटाणुरहित करते रहें।
लक्षण नजर आने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें और रक्त की जांच करवाएं।

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