डोईवाला : हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले लोगों को नाटक व पोस्टर के माध्यम से बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति की पहचान कर इसकी रोकथाम पर जानकारी दी गयी।
मंगलवार को हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट के क्लिनिकल मनोविज्ञान विभाग (पीडीसीपी प्रशिक्षु) की ओर से आत्महत्या पर बातचीत को बदलें और बातचीत शुरू करें विषय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए विभागाध्यक्ष डॉ. मालिनी श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में दुनिया भर में आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे है। आत्महत्या एक प्रमुख मुद्दा है, जिसे समाज से निकालने के लिए लंबे समय से कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं। उन्होंने आत्महत्या को रोकने, आत्महत्या से सम्बंधित स्टिग्मा को कम करने और खुलकर बातचीत को प्रोत्साहित करने के महत्व के बारे में जानकारी दी। माहजबीं, रश्मि, रेखा सील, शहाना, नितिका के निर्देशन में छात्र-छात्राओं ने नाटक के माध्यम से आत्महत्या के कारण व उसकी पहचान कर हमे कैसे किसी की मदद कर सकते है इसको दर्शाया। इस अलावा रिबन वितरण, पोस्टर प्रदर्शनी और प्रतिज्ञा की दीवार जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर लोगांे को जागरुक किया गया। वहीं दूसरी ओर नैदानिक मनोविज्ञान के पीएचडी शोधार्थी रूही जैन व कृति मिश्रा ने एसआरएचयू के रूरल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित स्कूल मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में कालसी के एकलव्या स्कूल एवं बहदराबाद के राजकीय इण्टर कॉलेज के करीब 260 विद्यार्थियों को आत्महत्या के पूर्व के लक्षणों की पहचान के बारे में बताया। इसके साथ ही आत्महत्या से सम्बंधित विचारों को रोकने के लिए डॉ स्वामी राम द्वारा बताये गए होलिस्टिक हेल्थ प्रैक्टिस मॉडल से सम्बंधित तरीकों के बारे में विस्तार से से जानकारी दी।