उत्तराखंडराज्यहित

सीएम धामी की अध्यक्षता में भू कानून व पलायन पर भराड़ीसैण में मंथन

मुख्य सचिव ने चर्चा में किया प्रतिभाग

उद्यमिता व स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की संभावनाओं पर दिया जोर
पूर्व नौकरशाह के अनुभवों को लिया जाएगा लाभ
चमोली। भराड़ीसैंण, गैरसैंण में विधानसभा भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में भूमि कानून के कार्यान्वयन, इसके प्रभाव और राज्य में इसे प्रभावी ढंग से लागू करने पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। साथ ही, पहाड़ों से पलायन रोकने के उपाय और प्रदेश में उद्यमिता और आर्थिक विकास के अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में ‘लखपति दीदी’ जैसी योजनाओं के तहत उद्यमिता और स्वरोजगार के माध्यम से आर्थिक सशक्तिकरण की संभावनाओं पर भी चर्चा हो रही है।
उत्तराखंड राज्य में मजबूत भूमि कानून को लागू करने के लिए आज बुधवार को यह महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी विशेष रूप से उपस्थित हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में घोषणा की थी कि सरकार आगामी बजट सत्र में मजबूत भूमि कानून के लिए एक विधेयक लेकर आएगी, जो राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
इस बैठक में राज्य में पहाड़ों से हो रहे पलायन को रोकने के उपायों पर भी विचार किया जा रहा है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों से पलायन एक बड़ी समस्या बन गई है। लोग बेहतर रोजगार और जीवनयापन की तलाश में शहरी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे पहाड़ी इलाकों में जनसंख्या घनत्व कम होता जा रहा है। मुख्यमंत्री और प्रशासन के अन्य अधिकारियों का मानना है कि यदि पहाड़ी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जाए और उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाए, तो इस पलायन पर कुछ हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के हर क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भूमि कानून का कड़ा प्रावधान लाने का उद्देश्य राज्य के भूमि संसाधनों की सुरक्षा करना है ताकि बाहरी लोग बिना किसी प्रतिबंध के भूमि खरीदकर राज्य की जनसंख्या संरचना को प्रभावित न कर सकें। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की भूमि पर राज्य के मूल निवासियों का अधिकार सुरक्षित रहना चाहिए और इस दिशा में उनकी सरकार पूरी तरह से सजग है।
सरकार भूमि कानून के कार्यान्वयन के लिए पूर्व नौकरशाहों से भी मार्गदर्शन प्राप्त कर रही है। इस बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडे, सुबास कुमार, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी और पूर्व सचिव एसएस रावत जैसे वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद हैं। इन अनुभवी अधिकारियों से परामर्श लेकर सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भूमि कानून का कार्यान्वयन प्रभावी और निष्पक्ष हो, ताकि राज्य में बाहरी व्यक्तियों द्वारा भूमि खरीद पर नियंत्रण रखा जा सके और राज्य के मूल निवासियों के हित सुरक्षित रह सकें।

इस महत्वपूर्ण बैठक के जरिए यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य सरकार राज्य के मूल निवासियों के हितों की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भूमि कानून को मजबूत करने और पलायन को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस बैठक में लिए गए निर्णयों से उत्तराखंड के विकास को एक नई दिशा मिल सकती है और राज्य के निवासियों का आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा सकेगा।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!