उत्तराखंडकानून

यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट कमेटी ने सीएम को सौंपा

राज्य स्थानपना दिवस पर लागू किया जा सकता है यूसीसी

पूर्व सीएस शत्रुघ्न ने शुक्रवार को सीएम को सौपा ड्राफ्ट
पूर्ण जानकारी देने के लिए पोर्टल व एप बनाया गयाः धामी

देहरादून। यूनिफॉर्म सिविल कोड ( समान नागरिक संहिता) की नियमावली का ड्राफ्ट रूल्स मेकिंग एंड इंप्लीमेंटेशन कमेटी ने शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है। उत्तराखंड सरकार अब नियमावली के ड्राफ्ट का न्याय और विधायी विभाग से परीक्षण कराएगी, जिसके बाद सरकार इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी। वैसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही इस बात पर जोर दे चुके है कि 9 नवंबर यानि राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेश में यूसीसी लागू किया जा सकता है। सीएम ने साथ ही कहा कि इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यूसीसी लागू होने के बाद लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं करने पड़ेंगे। क्योंकि यूसीसी के ऑनलाइन पोर्टल और एप के जरिए यूसीसी के सुविधाओं का लाभ उठा पाएंगे।
दरअसल, साल 2022 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि यदि उनकी सरकार दोबारा से सत्ता में आती है वो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लेकर आएंगे। 2022 के विधानसभा में जनता ने बीजेपी को जिताया और पुष्कर सिंह धामी दोबारा से प्रदेश के मुखिया बने।
दोबारा सीएम बनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तुरंत यूनिफॉर्म सिविल कोड पर काम शुरू किया। यूसीसी का मसौदा तैयार के लिए धामी सरकार ने रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने कई महीनों तक चर्चा, विचार-विमर्श और आम जनता की राय लेकर यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर सीएम धामी को सौंपा, जिसे धामी कैबिनेट ने मंजूरी दी। धामी कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद इस साल 6 फरवरी 2024 को विधानसभा सत्र के दौरान यूसीसी का ड्राफ्ट सदन के पटल पर रखा गया। साथ ही 7 फरवरी 2024 को विधानसभा से पारित किया गया था, लेकिन यूसीसी को सही तरीके से लागू करने के लिए इससे संबंधित नियमावली तैयार करने की जरूरत थी, जिसको देखते हुए सरकार ने 10 फरवरी 2024 को उत्तराखंड के पूर्व सीएस शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में सात सदस्यीय रूल्स मेकिंग और इंप्लीमेंटेशन कमेटी का गठन किया था।
कब क्या हुआ?
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2022 में उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किये गये ड्राफ्ट को दिनांक 7 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा में पारित किया गया।
उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति उपरान्त दिनांक 12 मार्च, 2024 को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।
उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 के नियमावली एवं क्रियान्वयन बनाये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत शत्रुघ्न सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता में नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति गठित की गई है।
राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जाना प्रस्तावित है।
नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा नियमावली हिन्दी एवं अग्रेंजी दोनों संस्करणों में आज दिनांक 18 अक्टूबर, 2024 को राज्य सरकार को हस्तगत की जा रही है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है। जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन-रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्य पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है।
जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस हेतु एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके।

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