वनाग्नि को लेकर सरकार गंभीर, ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ पर दिया जोर
मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग पहुंच केदारनाथ यात्रा तैयारियों का लिया जायजा
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में जंगल आग से धधक रहे हैं। जिससे वन संपदा को नुकसान पहुंच रहा है और जंगली जानवर आबादी तक पहुंच रहे हैं।वहीं वनों की आग में पिरूल बारूद का काम कर रहा है। जिस कारण वनाग्नि विकराल होती जा रही हैं। वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी वनाग्नि को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे चुके हैं। जिसके बाद मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने वन अधिकारियों के साथ बैठक कर दावानल पर जल्द काबू के निर्देश दिए हैं। सीएम धामी रुद्रप्रयाग दौरे पर रहे, जहां मुख्यमंत्री ने पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए लोगों को इससे जुड़ने का संदेश दिया। जो फायर सीजन में वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रुद्रप्रयाग पहुंचकर केदारनाथ यात्रा व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान सीएम ने सभी अधिकारियों को यात्रा तैयारियां समय पर करने और यात्रियों को सभी सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिये। साथ ही सीएम ने जंगलों में लग रही आग की समीक्षा भी की। रतूड़ा स्थित हेलीपैड पर उतरने के बाद मुख्यमंत्री ने पिरूल भी एकत्रित किया। साथ ही लोगों से जंगलों में लाग न लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पिरूल से आग बहुत तेजी से फैलती है। ऐसे में समस्त अधिकारी फायर लाइन के तहत आग को नियंत्रण करने में मदद करेंगे। इस कार्य में उनके पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल रहेंगे।
इस मौके पर सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश की जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आसपास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रुप में संचालित करने का प्रयास करें। वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार श्पिरूल लाओ-पैसे पाओश् मिशन पर भी कार्य कर रही है। इस मिशन के तहत जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल कलेक्शन सेंटर पर 50 रुपये किलो की दर से पिरूल खरीदे जाएंगे। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड करेगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपये का कार्पस फंड पृथक रूप से रखा जाएगा।
दस मई से उत्तराखंड की चार धाम यात्रा शुरू हो रही है। देश-विदेश से भारी संख्या में तीर्थ यात्री यहां पहुंचने शुरू हो गये हैं। यात्रा तैयारियों की समीक्षा करने के लिये आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग पहुंचे। यहां उन्होंने जिला कार्यालय में अधिकारियों की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जो भी यात्री यहां आते हैं, उनके साथ अतिथि देवो भव का व्यवहार किया जाए। सभी यात्रा पड़ावों सहित केदारनाथ धाम में यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाय। यहां आने वाले किसी भी यात्री को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। केदारनाथ पैदल मार्ग सहित धाम में साफ-सफाई, पेयजल, शौचालय, चिकित्सालय आदि की सम्पूर्ण व्यवस्थाएं की जाए। इसके साथ ही धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य भी समय पर किए जाए। उन्होंने कहा कि पुराने अनुभवों और सुझावों पर चर्चा की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार यात्रा पर अधिक यात्रियों के आने की उम्मीद है। इस बार साफ-सफाई अच्छी है। यात्रा मार्ग और एनएच भी अच्छा है। यात्रा कंट्रोल रूम बनाया गया है। यात्रा तैयारियों की समीक्षा करने के बाद सीएम ने यात्रा मार्ग का निरीक्षण भी किया।
गौर हो कि प्रदेश के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायु सेना का अभियान जारी है। वायु सेना ने पौड़ी में वनाग्नि की घटनाएं सामने आने के बाद अपना ऑपरेशन जारी रखा है और जंगलों की आग को बुझाया जा रहा है। वहीं जंगलों की आग को रोकने के लिए जिला प्रशासन और वन विभाग ने वायुसेना की मदद ली हुई है। साथ ही वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने पौड़ी के अदवाणी, खिरसू और चोरकंडी में आग बुझाई।