उत्तराखंडशहीद

जवान संतोष कुमार पंचतत्व में विलीन, दिवाली पर आने का किया था वादा

पिथौरागढ़। लद्दाख के सियाचिन में जान गंवाने वाले हवलदार संतोष कुमार का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हो गया है। उनके बेटे आशीष ने चिता को मुखाग्नि दी। इससे पहले पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी रही। हर कोई परिवार को ढांढस बंधाने में कोशिश करता रहा, लेकिन उनकी पत्नी, बेटी और बेटा बिलखते रहे।
बता दें कि पिथौरागढ़ जिले के बेरीनाग के चौनाला बडेत निवासी हवलदार संतोष कुमार आगरी पुत्र मदन राम आगरी (उम्र 41 वर्ष) का 5 दिन पहले लद्दाख के सियाचिन में अचानक निधन हो गया था। संतोष वर्तमान में पीएआर यूनिट में तैनात थे। आज सुबह सेना के जवान संतोष कुमार का पार्थिव शरीर लेकर घर पहुंचे।
जैसे ही उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा, वैसे ही परिजनों में कोहराम मच गया। जवान के घर पर सेना की जीआर यूनियन पिथौरागढ़ की ओर से गार्ड ऑफ ऑर्नर देकर श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद पार्थिव शरीर को अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया।
थल के रामगंगा नदी तट पर सैन्य सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। उन्हें मुखाग्नि बेटे आशीष ने दी। हवलदार संतोष कुमार के निधन पर उनकी पत्नी शोभा देवी, बेटी नेहा और बेटे आशीष का रो रोकर बुरा हाल है। सभी जवान को याद कर बिलख रहे हैं। हवलदार संतोष कुमार के निधन पर सांसद अजय टम्टा, विधायक फकीर राम टम्टा, दर्जा राज्य मंत्री नारायण राम आर्या, पूर्व विधायक मीना गंगोला, पूर्व ब्लॉक प्रमुख रेखा भंडारी समेत तमाम लोगों ने शोक जताया है।
बताया जा रहा है कि जवान संतोष कुमार 15 दिन पहले ही घर से वापस ड्यूटी पर लौटे थे। उन्होंने अपने बच्चों और पत्नी से दीपावली में फिर से छुट्टी पर आने की बात कही थी, लेकिन वो तिरंगे में लिपटे घर लौटे हैं।उनकी बेटी नेहा हल्द्वानी से बी कॉम कर रही है। जबकि, बेटा आशीष बेरीनाग में साधना इंटर कॉलेज में कक्षा 12वीं का छात्र है। संतोष के पिता भी मदन राम आगरी भी पूर्व सैनिक थे। संतोष चार भाइयों तीसरे नंबर के थे। उनके निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई है।

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