श्रीनगर। आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडे ने मंडल कार्यालय सभागार पौड़ी में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने आपदा से राहत एवं बचाव कार्यों को लेकर शासन-प्रशासन स्तर पर किये जा रहे प्रयास, चारधाम यात्रा, कांवड़ यात्रा को लेकर जानकारी साझा की।
आयुक्त गढ़वाल मंडल ने सभी सात जनपदों में आपदा से हुए जान-माल के नुकसान की जानकारी देते हुए कहा कि आपदा के कारण अबतक 30 से अधिक जनहानि और 100 से अधिक पशुहानि हो चुकी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा आपदा से राहत एवं बचाव को लेकर दिये गये दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करते हुए आपदा प्रभावित क्षेत्र व स्थल पर जान-माल की क्षति का तत्काल आकलन व अन्य औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने हाल ही में जनपद टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र के तिनगढ़ क्षेत्र में आयी आपदा का जिक्र करते हुए कहा कि विस्थापन सम्बंधी प्रकरण पर सरकार के स्तर पर सैद्धान्तिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। भिलंगना नदी के बढ़ते कटाव के कारण रिटेनिंग वॉल की स्वीकृति की बात कही।
चारधाम यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि यात्रा के प्रथम फेज में अबतक 32 लाख यात्रियों द्वारा देवस्थलों के दर्शन कर लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि द्वितीय फेज की तैयारियों को लेकर सभी स्टेक होल्डर्स के साथ 3 अगस्त को ऋषिकेश में बठैक आहूत की जा रही है। अधिकारियों द्वारा फोन कॉल नहीं उठाये जाने संबंधी सवाल पर आयुक्त गढ़वाल ने गम्भीरता से लेते हुए कहा कि इस सम्बंध में मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में सख्त निर्देश अधिकारियों को जारी किये जा चुके हैं। कहा कि यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए शासन-प्रशासन निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आपदा, स्वास्थ्य संबंधी गंभीर केस को डील करने के लिए एक हेलीकॉप्टर तैनात रहता है।
आम-जनमानस की शिकायतों व समस्याओं के समाधान के लिए सभी मंडल के जिलाधिकारी आगामी अगस्त के माह के प्रथम सप्ताह में लोक अदालत का आयोजन करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की संख्या ग्राम पंचायतों की संख्या से कम होने के कारण जनमानस की समस्याओं के निस्तारण में देरी होना स्वाभाविक है। कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए पंचायत सेक्रेट्रियों के पंचायत भ्रमण रोस्टर जारी होंगे। जीओ टैग उपस्थिति के माध्यम से उनकी उपलब्धता की सटीक जानकारी मिल सकेगी। कमिश्नर कोर्ट के अर्जेंट मामलों के निस्तारण के लिए मंडल कार्यालय पौड़ी में ऑनलाइन (वीसी) की व्यवस्था कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी के सदुपयोग से ऐसे कई मामलों व समस्याओं का निस्तारण सम्भव हो पाया है।