उत्तराखंडन्यायालय

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड में करोंडो की अनियमितता का आरोप

मामले को लेकर हाई कोर्ट ने शुक्रवार को ही सुनवाई वर्ष 2022 में बीसीसीआई से मिली 10 करोड़ का एसोसिएशन ने नहीं दिया हिसाब

शिकायतकर्ता ने कोर्ट से उठाई जांच की मांग
नैनीताल। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड में हुई करोड़ों रुपए की अनियमितताओं के खिलाफ दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा है क्रिकेट एसोसिएशन को याचिका की कॉपी दें। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने आगामी सोमवार 25 अगस्त की तिथि नियत की है।
दरअसल, देहरादून निवासी बुद्धि चंद रमोला ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड में क्रिकेट कराने के लिए धन का दुरुपयोग किया गया है, जो सुविधा खिलाड़ी को मिलनी चाहिए थी, वो उसे नहीं मिली। एसोसिएशन ने खिलाड़ियों के पेट केलों से भर दिया। केलों का जो बिल दिखाया गया, वो भी लाखों का था।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि एसोसिएशन ने उनके खाने के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला किया है। जबकि उस हिसाब से खेल हुए ही नहीं। इसलिए इसकी जांच कराई जाए। अभी तक करोड़ों रुपए का दुरुपयोग एसोसिएशन की ओर से किया गया है। उसकी ऑडिट रिपोर्ट भी आ चुकी है।
याचिका में ये भी कहा गया कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को साल 2015 में बीसीसीआई यानी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से मान्यता मिल गई थी। बीसीसीआई तब से एसोसिएशन को फंड देता आ रहा है। साल 2022 में ही 10 करोड़ का बजट खेल कराने के लिए दिया, उसका भी कोई हिसाब किताब नहीं है। न ही बैलेंस शीट को सार्वजनिक किया गया।
याचिकाकर्ता का कहना है कि जब इसकी शिकायत उपाध्यक्ष से की गई तो उनकी ओर से सदस्यों को नोटिस भी दिया गया, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। जबकि, एसोसिएशन में 5 सदस्यों का चुनाव होता है और 4 सदस्य नामित किए जाते हैं। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि इसकी जांच कराई जाए।

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