
उत्तरकाशी। जिला अस्पताल उत्तरकाशी में एक डॉक्टर और तीमारदार के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर गुस्साए डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ ने धरना देना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि लगातार डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों से अभद्रता की जाती है। ऐसे में मामले में सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा उन्होंने पुलिस चौकी खोलने की भी मांग की। वहीं, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के धरने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों से अस्पताल पहुंचे और भर्ती मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दिनभर मरीज उपचार के लिए इधर-उधर भटकते रहे।
उधर, डॉक्टरों और स्टाफ के धरने की सूचना मिलने पर एसडीएम शालिनी नेगी व नगर कोतवाल भावना कैंथोला मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि अभद्रता करने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं माने। डॉक्टर और स्टाफ धरने पर डटे रहे। वहीं, अब सीएमएस कार्यालय में एसडीएम और डॉक्टरों की वार्ता चल रही है। उत्तराखंड जिला अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि अस्पताल में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक को एक महिला तीमारदार ने गाली गलौज और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। बताया जा रहा कि वो सोमवार को नियमित ओपीडी ड्यूटी पर कार्यरत थे। इसी दौरान एक महिला तीमारदार ने उनके साथ गाली गलौज के साथ जातिसूचक शब्द कह डाले। डॉक्टर का कहना है कि अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।
डॉक्टर दानिश जमाल का कहना है कि अमर्यादित और अपमानजनक व्यवहार उनके लिए व्यक्तिगत सम्मान का मामला नहीं। बल्कि, पूरे चिकित्सक समुदाय के लिए असम्मानजनक की स्थिति पैदा करता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार डॉक्टरों के साथ हो रहा है। कई बार मरीजों के साथ तीमारदार शराब पीकर जिला अस्पताल में पहुंचते हैं, जिसके बाद डॉक्टरों और अस्पताल कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं। जिससे डॉक्टरों और कर्मचारियों को काम करने में भारी परेशानी होती है। डॉक्टरों ने जिला अस्पताल में एक पुलिस चौकी खोलने की मांग की है। ताकि, वहां पर डॉक्टरों और कर्मचारियों की सुरक्षा हो सके। उनका कहना है कि लगातार डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों से अभद्रता की जाती है। इसलिए सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। वहीं, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के धरने के कारण दूरस्थ क्षेत्रों समेत अस्पताल में भर्ती मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज दिनभर उपचार के लिए इधर से उधर भटकते नजर आए।