उत्तराखंडराजनीति

देवभूमि से मोदी देंगेे विकसित उत्तराखंड विकसित भारत का संदेश सियासी पंडित प्रधानमंत्री दौरे के निकाल रहे कई मायने

25 साल पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे पीएम विकास की नई दिशा देने से जुड़े रोडमैप पेश करेंगे

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेता इस वक्त बिहार चुनाव के प्रचार में व्यस्त हैं। 9 नवंबर को बिहार में चुनावी शोर थम जाएगा। बिहार चुनाव के बीच ही पीएम मोदी एक बार फिर से उत्तराखंड आ रहे हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के भागदौड़ के बीच भी पीएम मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ पहुंचे थे। जहां उन्होंने बाबा केदार की धरती से अपना संबोधन दिया था। उधर, देश में लोकसभा चुनाव के लिए जनता मतदान कर रही थी। इधर, पीएम मोदी केदारनाथ से देश को आध्यात्मिक संदेश देने का काम कर रहे थे। अब बिहार चुनाव के बीच एक बार फिर से पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड आ रहे हैं। इस बार पीएम द्रोण नगरी देहरादून से कोई बड़ा संदेश उत्तराखंड और बिहार को देते नजर आ सकते हैं। जब 11 नवंबर को बिहार में मतदाता मतदान केंद्रों पर अपनी सरकार चुनने में व्यस्त होंगे, ठीक उससे पहले पीएम मोदी देवभूमि उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। जिसके तहत पीएम मोदी देहरादून में उत्तराखंड राज्य गठन के 25 साल पूरे होने पर आयोजित रजत जयंती समारोह में शामिल होंगे।
राजनीतिक गलियारों में इस कार्यक्रम को न सिर्फ एक सरकारी उत्सव नहीं, बल्कि चुनावी संदेश देने के मंच के रूप में भी देखा जा रहा है। क्योंकि, जिस राज्य में गंगा बहती हो, बड़े तीर्थ हों, वहां से बोला गया एक-एक शब्द बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। उत्तराखंड राज्य को बने 25 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री मोदी राज्य को विकास की नई दिशा देने से जुड़े रोडमैप पेश करेंगे। मुख्यमंत्री सचिव बंशीधर तिवारी की मानें तो मोदी यहां से विकसित उत्तराखंड विकसित भारत का संदेश देंगे और अगले 25 सालों के लिए राज्य की विकास योजना की रूपरेखा पेश करेंगे। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस कार्यक्रम का समय और स्थान दोनों ऐसे हैं कि प्रधानमंत्री के संदेश का असर सीमाओं के पार बिहार के मतदाताओं तक भी पहुंच सकता है। जहां अगले दिन लोग मतदान करने वाले होंगे और सभी पार्टी के नेताओं की बड़ी-बड़ी रैली नहीं हो सकेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा कई मायनों में 2019 की याद दिलाता है। नवंबर 2019 में देश में लोकसभा चुनाव का माहौल था। इसी दौरान 18-19 मई को लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी पूजा पाठ करने केदारनाथ पहुंचे थे। जहां उन्होंने ध्यान गुफा में प्रवास भी किया था। वहीं से लोगों को मतदान करने के लिए प्रेरित भी किया था। इतना ही नहीं साल 2021 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भी पीएम केदारनाथ पहुंचे थे। जिसका वोटरों पर बड़ा असर भी दिखा था। साल 2021 का यह वही समय था, जब पीएम ने न केवल केदारनाथ में पूजा-अर्चना की थी। बल्कि, आदि शंकराचार्य की समाधि का उद्घाटन किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 130 करोड़ की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया था। उस दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि अगले 10 सालों में चारधाम में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या पिछले 100 सालों से भी ज्यादा होगी।

दौरे को पार्टी बिहार चुनाव के लिए महत्तवपूर्ण मान रही
राजनीतिक जानकार दौरा तब भी चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण माना गया था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी ने धार्मिक यात्रा के बहाने राजनीतिक संदेश देने का काम किया है। कांग्रेस नेता हरीश रावत ने उस समय कहा था कि केदारनाथ यात्रा बीजेपी की मार्केटिंग का हिस्सा है। हालांकि, बीजेपी ने इसे पूरी तरह धार्मिक और विकासोन्मुख दौरा बताया था। अब पीएम मोदी का देहरादून दौरा उसी क्रम का अगला अध्याय माना जा रहा है। बिहार सभी पार्टी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। खास बात ये है कि पहले पीएम के दौरे की तारीख ठीक मतदान वाले दिन रखी गई थी, लेकिन अभी जानकारी ये है कि बिहार में जिस दिन सभी पार्टी का चुनाव प्रचार थमेगा। उसी दिन पीएम देहरादून से जनता को संबोधित करेंगे और इसका असर ना केवल उत्तराखंड बल्कि, बिहार तक पहुंचेगा।

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