रामनगर। विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में हर वर्ष लाखों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक वन्यजीवों का दीदार करने के लिए पहुंचते हैं। यहां पर्यटक केवल बाघ, गुलदार और हाथी का दीदार ही नहीं करते, बल्कि कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते 500 से ज्यादा पक्षियों की प्रजातियों का भी दीदार करते हैं। इसी क्रम में इंग्लैंड से 9 पक्षी प्रेमियों की टोली रामनगर पहुंची और सुखार्ब पक्षियों का दीदार किया।
कॉर्बेट लैंडस्केप से लगते जलाशयों जैसे कोसी नदी और रामगंगा नदी में इन दिनों विदेशों से आए पर्यटकों को देखा जा रहा है,जो इन नदियों में साइबेरियन पक्षियों के दीदार कर अभिभूत हो रहे हैं। ऐसे में विदेशी पर्यटकों के आने से विदेशी सैलानियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। जिससे पर्यटन से जुड़े कारोबारियों का कारोबार भी अच्छे से चल रहा है।
इंग्लैंड से आये पक्षी प्रेमी अल्फी मयर्स ने बताया कि वे कई वर्षों से कॉर्बेट पार्क और इससे लगते जलाशयों में साइबेरियन पक्षियों का दीदार करने के लिए आते हैं। इन पक्षियों के अलावा वो कई अन्य प्रजातियों के पक्षियों का भी दीदार कर रहे हैं।
प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इनकी मॉनिटरिंग के लिए वन विभाग द्वारा सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाते हैं। साइबेरिया और ठंडे प्रदेशों से ये पक्षी आते हैं और विशेष रूप से ये वेटलैंड्स पर आना पसंद करते हैं। हमारे यहां वेटलैंड्स के लिए कोसी नदी, कालागढ़ बैराज,रामगंगा नदी और तोमड़िया डैम आदि हैं। इन पक्षियों में ब्राह्मणी डक, रूडी शेल्डक और जलकाक आदि पक्षी यहां पर आते हैं।
कॉर्बेट पार्क के आसपास सबसे ज्यादा पक्षी
स्थानीय पक्षी प्रेमी सुमंथा घोष ने बताया कि मेरे साथ इंग्लैंड से कुछ मेहमान आए हैं, जो पिछले 25 वर्षों से लगातार कॉर्बेट पार्क और इससे लगते जलाशयों में पक्षियों के दीदार के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पक्षियों की संख्या बहुत ज्यादा है और कॉर्बेट पार्क के आसपास सबसे ज्यादा पक्षी पाए जाते हैं, उन्ही के दीदार के लिए वो लगातार कई वर्षों से आ रहे है।