आस्थाउत्तराखंड

हेमकुंड साहिब व लक्ष्मण मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद

पंच प्यारों की अगुवाई में हुई प्रक्रिया

चमोली। सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण मंदिर के कपाट गुरुवार को कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए हैं। हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। दोपहर साढ़े 12 बजे हेमकुंड साहिब स्थित गुरुद्वारे के दरबार साहिब में इस साल की अंतिम अरदास पढ़ी गई, जिसके बाद दरबार साहिब से गुरु साहिब जी के पंच प्यारों की अगुवाई में पवित्र गुरुग्रंथ साहिब जी को सचखंड में सोवित कर दिया गया। दोपहर एक बजे हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
गौर हो कि, इस साल सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट आज बंद हो गए हैं। वहीं इस बार पुणे के जत्थेदार भाई सुरिंदरपाल सिंह के संगत ने दरबार साहिब में इस वर्ष की अंतिम शबद कीर्तन का पाठ किया। इस मौके पर सेना के गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड की मधुर संगीत भी सप्त श्रृंग की चोटियों में गुंजायमान हुई।
हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि इस बार कपाट बंद होने के पावन अवसर पर करीब 2,500 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि यात्रा कुशलता से चली और पिछले साल की तुलना में इस वर्ष श्रद्धालुओं का आंकड़ा बढ़ा है। इस साल बुधवार तक 1 लाख 83 हजार 219 श्रद्धालओं ने हेमकुंड साहिब में मत्था टेका।
बता दें कि हेमकुंड साहिब उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। हेमकुंड साहिब को सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की तपस्थली मानी जाती है। साथ ही हेमकुंड साहिब को दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा भी है, जहां श्रद्धालु बड़ी तादाद में कपाट खुलने के बाद मत्था टेकने आते हैं।

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