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“एग्री मित्र उत्तराखंड 2025” कृषि मेले में टेंडर घोटाले से हड़कंप

टेण्डर प्रक्रिया से पहले ही प्रदेश के बाहर के ठेकेदार ने शुरू किया कार्य

देहरादून। देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित महिंद्रा ग्राउंड में आयोजित होने जा रहा करोड़ों रुपये का कृषि मेला अचानक रद्द कर दिया गया। जिसका कारण टेंडर प्रक्रिया में भारी अनियमितता और घोटाले के आरोप, जिनसे सरकार और प्रशासन दोनों कटघरे में खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कृषि विभाग के आयोजित किए जा रहे “एग्री मित्र उत्तराखंड 2025” मेले के लिए टेंडर आवंटन की प्रक्रिया 11 जून की रात 9ः30 बजे पूरी होनी थी। लेकिन हैरान करने वाली बात यह सामने आई कि टेंडर खुलने से तीन दिन पहले यानी 9 जून को ही ठेकेदार ने मैदान पर काम शुरू कर दिया था। भारी मशीनें, श्रमिक और अन्य व्यवस्थाएं मैदान में सक्रिय पाई गईं, जिसने पूरे प्रकरण पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
आरोप है कि यह आयोजन पहले से तय ठेकेदार को देने की मंशा से किया जा रहा था और टेंडर केवल औपचारिकता बनकर रह गया था। पूरे मामले के उजागर होने के बाद प्रशासन को आनन-फानन में मेला रद्द करना पड़ा। बताया जा रहा है कि यह आयोजन कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के विधानसभा क्षेत्र में हो रहा था और टेंडर एक बाहरी ठेकेदार को दिया जा रहा था। यह भी चर्चा का विषय बन गया है कि सरकार की स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने की नीति इस मामले में पूरी तरह से नजरअंदाज कर दी गई।
मामले में कृषि विभाग के अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। टेंडर से पहले कार्य शुरू होने की वजह जानने पर अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आए। इससे साफ है कि टेंडर प्रक्रिया को लेकर बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हुई हैं। मेला रद्द होने से किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों में निराशा देखी जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के आयोजन किसानों के लिए लाभकारी हो सकते थे, लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाने से यह मौका हाथ से निकल गया। अब यह मामला कोर्ट तक पहुँच सकता है और संभावना है कि जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की जाएगी ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।

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